ज्ञानवापी के 'शिवलिंग' की जांच का आदेश आया तो सीधा CJI के पास पहुंच गया मुस्लिम पक्ष, चंद्रचूड़ बोले- मैं देखूंगा आपका केस
ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग की उम्र का पता लगाने का जिम्मा इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ASI आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को सौंपा है। वाराणसी की लोकल कोर्ट सारे काम की निगरानी करेगी। हाईकोर्ट की कोशिश है कि शिवलिंग की उम्र का पता लगाया जाए जिससे ज्ञानवापी से जुड़े कई रहस्यों से परदा उठ सकेगा। लेकिन ये बात मुस्लिम पक्ष को रास नहीं आई और वो अपनी शिकायत लेकर सीधा CJI डीवाई चंद्रचूड़ के पास पहुंच गया।
मुस्लिम पक्ष के वकील बोले- हाईकोर्ट ने उनकी नहीं सुनी
मुस्लिम पक्ष की तरफ से पेश सीनियर एडवोकेट हुजेफा अहमदी ने सीजेआई से कहा कि इलाहाबाद उनको लेकर हाईकोर्ट दोहरा रुख अपना रहा है। अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने ज्ञानवापी की मेंटेनेबिलिटी को लेकर दायर रिट खारिज कर दी थी। हमने उसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं आया है। दूसरी तरफ हिंदू महिलाओं की तरफ से एक रिट दायर की गई थी शिवलिंग की जांच कराने की। लोकल कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया था। फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। हाईकोर्ट ने तुरंत उनकी याचिका पर शिवलिंग की जांच कराने का आदेश दे दिया।
सीजेआई ने सुनी सारी बात, फिर बोले- मैं खुद देखूंगा सारा केस
हुजेफा अहमदी ने सीजेआई के सामने दरखास्त की कि वो उनकी अपील पर गौर करें। सीजेआई ने मुस्लिम पक्ष की तरफ से पेश वकील की बात को सुना और फिर कहा कि ठीक है हम आपकी दरखास्त पर गौर करेंगे। सीजेआई की अगुवाई वाली बेंच मामले की सुनवाई शुक्रवार को करेगी।
हाईकोर्ट ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से पहले पूछा था कि क्या वो शिवलिंग को क्षति पहुंचाए बगैर उसकी उम्र की जांच कर सकता है। नानुकुर करने के बाद आखिरकार ASI ने हाईकोर्ट से कहा कि वो सीधे तौर पर शिवलिंग की जांच करेगा तो उसे क्षति पहुंचने का खतरा है। लेकिन वो अगर शिवलिंग के आसपास उसके जैसी या फिर उससे जुड़ी चीजों की जांच करेगा तो शिवलिंग को खतरा नहीं पहुंचेगा। इससे शिवलिंग की सच्चाई को जानने में हमें मदद मिलेगी। हाईकोर्ट के जस्टिस अरविंद कुमार मिश्रा-1 ने ASI की बात को मानकर जांच को हरी झंडी दे दी। एहतियात के तौर पर जस्टिस अरविंद कुमार मिश्रा ने कहा कि वाराणसी की लोकल कोर्ट सारे मामले की निगरानी करे। इससे कोई सवाल खड़ी नहीं होगा।
हिंदू पक्ष बता रहा है शिवलिंग तो मुस्लिम पक्ष इसे कहता है फव्वारा
ध्यान रहे कि बीते साल ज्ञानवापी परिसर में एक सर्वे के दौरान एक शिवलिंग नुमा आकृति मिली थी। मामला कोर्ट तक गया। फिर हाईकोर्ट होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा। हालांकि मुस्लिम पक्ष ने शिवलिंग की थ्योरी को दरकिनार करते हुए कहा कि जहां ये आकृति मिली है वो दरअसल वजू करने की जगह थी। जिसे हिंदू पक्ष शिवलिंग बता रहा है वो दरअसल एक फव्वारा है। सुप्रीम कोर्ट ने शिवलिंग की जगह को सील कर दिया था।