ज्ञानवापी में ड्रम के पानी से वजू कर रहे नमाजी, प्लीज मिलॉर्ड आज ही सुन लें- वकील ने CJI चंद्रचूड़ से लगाई गुहार
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में वजू की मांग वाली अर्जी 10 अप्रैल (सोमवार) को एक बार फिर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) के सामने पहुंची। वाराणसी की अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की तरफ से पेश सीनियर एडवोकेट हुजैफा अहमदी (Sr Adv Huzefa Ahmadi) ने कहा कि अभी वजू के लिए ड्रम से पानी इस्तेमाल किया जा रहा है। रमजान की वजह से लोगों की भीड़ ज्यादा है।
एडवोकेट अहमदी ने कहा- 'प्लीज मिलार्ड! इसे आज लिस्ट कर दें...संभव हो तो सबसे आखिर में कर दें...'। इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि मैं नहीं जानता...जस्टिस सूर्यकांत अभी मौजूद नहीं है। ऐसे में हम इस मामले की सुनवाई 14 अप्रैल को करेंगे।
एडवोकेट हुजैफा अहमदी ने दलील दी कि हम सिर्फ रमजान की वजह से आप पर दबाव डाल रहे हैं। हमें और पहले आना चाहिए थे। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि कोई दिक्कत नहीं है... हम 14 को सुनेंगे। यह एक प्रोसीजरल मैटर है, हम देखेंगे। इस पर अहमदी ने आगे दलील दी हम बस वजू के लिए व्यवस्था चाहते हैं। सीजेआई ने कहा ठीक है... ओके।
वजूखाने को लेकर ही है विवाद
आपको बता दें कि वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में वजूखाना ही वह जगह है, जहां कथित तौर पर शिवलिंग पाया गया है। विवाद के बाद से ही वजूखाने को सील कर दिया गया था और मामला कोर्ट में लंबित है। सुप्रीम कोर्ट ने ही कहा था कि जहां शिवलिंग मिलने की बात कही जा रही है, उसे संरक्षित रखा जाए।
क्या होता है वजूखाना?
वजूखाना यानी वो जगह जहां नमाजी, नमाज पढ़ने से पहले खुद को शुद्ध करते हैं। rekhtadictionary के मुताबिक वजूखाना से मतलब ऐसी जह से जहां नमाजी, नमाज़ से पहले मुंह, हाथ और पैर को धुलते हैं, वह जगह जो वुज़ू के लिए निर्धारित हो (चाहे मस्जिद के अंदर हो या बाहर)।
क्या है वजू?
वजू का मतलब है शारीरिक शुद्धता। muslimhands.org के मुताबिक वजू, मुस्लिम समुदाय की एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके तहत नमाज से पहले हाथ, मुंह, सिर और पैर को अच्छी तरह से धोया या शुद्ध किया जाता है। इस्लाम धर्म के मुताबिक नमाज से पहले वजू अनिवार्य है, उसके बाद ही नमाज पढ़ी जा सकती है।
वजू का इस्लाम में कितना महत्व?
दिल्ली की फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम डॉ. मुफ्ती मोहम्मद मुकर्रम अहमद कहते हैं कि इस्लाम में शुद्धता की बहुत अहमियत है। नमाज से पहले जरूरी है कि आप पाक यानी शुद्ध हों। शुद्धता का मतलब तन और मन दोनों से है, इसीलिए नमाज से पहले वजू जरूरी है। बीबीसी हिंदी से बात करते हुए वह कहते हैं कि अगर कोई घर से नहाकर आए तो मस्जिद में वजू करने की आवश्यकता नहीं होती। वह कहते हैं कि कुरान के सूराह अल मायदा में वजू का जिक्र मिलता है।