UP Nikay Chunav: SP-RLD के बीच सब ठीक नहीं? कई सीटों पर दोनों ने उतारे प्रत्याशी, मेरठ मेयर उम्मीदवार पर बढ़ सकता है विवाद
यूपी में अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी और जयंत चौधरी के नेतृत्व में राष्ट्रीय लोकदल का चुनावी गठबंधन अब भी बना हुआ है। दोनों दलों ने नगर निकाय चुनाव को साथ-साथ लड़ने का फैसला किया था, लेकिन इधर हाल के दिनों में सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों दलों के बीच मनमुटाव के संकेत मिले हैं।
सपा ने रालोद की परंपरागत सीटों पर भी उम्मीदवार उतार दिये हैं
समाजवादी पार्टी ने इस मनमुटाव को ज्यादा भाव नहीं दिया, लेकिन आरएलडी ने इस पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। क्योंकि समाजवादी पार्टी ने पश्चिमी यूपी की कई ऐसी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिये हैं, जो आरएलडी की परंपरागत सीट है। वहां आरएलडी नगर निकाय चुनावों में भारी संख्या में अपने प्रत्याशी उतारना चाहती है।
दोनों दलों के संबंधों में दरार तब दिखाई दी, जब पश्चिमी यूपी की कई सीटों पर दोनों दलों ने अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया। मेरठ के मवाना नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने दीपक गिरी को अपना प्रत्याशी बनाया है, जबकि आरएलडी ने अयूब कालिया के नाम का ऐलान किया है। इसी तरह बागपत के खेखड़ा नगर पालिका के केस में सपा ने संगीता धामा को चेयरमैन पद के लिए मैदान में उतारा है तो आरएलडी ने रजनी धामा को टिकट दिया है।
जब समाजवादी पार्टी से अपनी स्थिति साफ करने की मांग की गई तो पार्टी ने मंगलवार को ट्वीट करके कहा, "बरौत और बागपत के अध्यक्ष पद के लिए समाजवादी पार्टी चुनाव नहीं लड़ेगी। यहां पर आरएलडी को समर्थन दिया जाएगा।" सपा के सूत्रों ने कहा कि मवाना नगर पालिका के अध्यक्ष पद के मुद्दे को भी सुलझा लिया गया है। हालांकि मेरठ नगर निगम के मेयर पद का चुनाव विवाद का जड़ बना हुआ है।
समाजवादी पार्टी ने ऐलान किया है कि इस पोस्ट के लिए विधायक अतुल प्रधान की पत्नी सीमा प्रधान प्रत्याशी होंगी, जबकि आरएलडी का भी इस पद पर निगाह लगी हुई है। वरिष्ठ आरएलडी नेता ने कहा है कि इसको लेकर अंतिम फैसला पार्टी नेतृत्व जल्द करेगा।
आरएलडी की मंगलवार को हुई एक बैठक में यह कहा गया दोनों दलों के बीच गठबंधन जारी रहेगा। समाजवादी पार्टी ने कुछ सीटों पर से अपने प्रत्याशी हटा लिये हैं, जबकि कुछ अन्य सीटों से वे जल्द ही हटाएंगे।