कानपुर हादसे के बाद ट्रैक्टर ट्रालियों पर सरकार के एक्शन से भड़के राकेश टिकैत, पूछा ये सवाल
यूपी के कानपुर में पहली अक्टूबर को ट्रैक्टर ट्राली के पलटने से हुए हादसे और उसमें कई लोगों की मौत होने के बाद सीएम योगी ने कहा था कि ट्रैक्टर और ट्रक जिस काम के लिए बने हैं, उनका उसी में उपयोग हो। सवारी बैठाकर ढोने के काम में उसका उपयोग नहीं किया जाये। इस आदेश पर किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भड़क गये।
उन्होंने मंगलवार को पीलीभीत में कहा कि यह सीधे तौर पर किसानों और आम लोगों का उत्पीड़न है। उन्होंने इसका विरोध करते हुए कहा कि ट्रैक्टर गांवों के लोगों का आवागमन का साधन है। उन्होंने सरकार से पूछा कि जब ट्रेन या बस हादसा होता है तो क्या उस पर भी रोक लगाई जाती है।
राकेश टिकैत ने कहा, "ट्रैक्टर आंदोलन में चलेंगे, ये उसको रोकने की साजिश है। गन्ना भुगतान होगा नहीं, फसल आधे रेट में बिकेगी। हमारी किसान यूनियन सरकार के इस को लेकर विरोध करेगी। ट्रैक्टर किसानों का साधन है, किसान किससे जाएगा। ये किसानों को बर्बाद करने का तरीका है।"
कहा- हम नहीं मानेंगे आदेश, चलाएंगे ट्रैक्टर
भाकियू नेता ने कहा, "किसानों के लेकर हो रही इस साजिश को लेकर हम सरकार को चिट्ठी लिखेंगे। किसान के खेतों में तार नहीं लगेंगे, सरकार पूरी तरह से किसानों का उत्पीड़न कर रही है। ट्रैक्टर ट्रॉली सड़कों पर चलेंगे जैसे पहले चलते थे। हमें कोई रोक नहीं सकता है।"
हादसे के बाद सीएम योगी गए थे पीड़ितों का हालचाल जानने
रविवार (2 अक्टूबर 2022) सीएम योगी आदित्यनाथ जब कानपुर की घटना में पीड़ितों से मिलने उनके घर पहुंचे तो उन्होंने साफ कहा कि अब ट्रैक्टर ट्राली का उपयोग सवारी ढोने में नहीं किया जाएगा। इसके बाद परिवहन विभाग ने ट्रैफिक पुलिस को प्रदेश में ट्रैक्टर-ट्रॉली, डाला और डंपर पर सवारियां ढोने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा। उन पर दस हजार रुपये के जुर्माना लगाने का भी आदेश दे दिया गया है। ट्रैफिक पुलिस लोगों को इस बारे में जागरूक करने का विशेष अभियान भी चला रही है।
सरकार के आदेश के बाद प्रशासन ट्रैक्टर-ट्रॉली, डाला और डंपर पर सवारियां ढोने को रोकने जा रही है तो दूसरी तरफ किसान नेता राकेश टिकैत ने भी आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है। इससे पहले राकेश टिकैत ने कहा था कि केंद्र सरकार पिछले साल हुए किसान आंदोलन को लेकर जो वादे किए थे, वे पूरे नहीं हुये हैं, लिहाजा किसान दिल्ली के बार्डर पर फिर से अपना आंदोलन शुरू करेंगे।