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गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बरी किए जाने के खिलाफ याचिका खारिज, जानें क्या है पूरा मामला

प्रभात गुप्ता हत्याकांड में अजय मिश्र टेनी को हाई कोर्ट ने बरी कर दिया था।
Written by: niteshdubey | Edited By: Nitesh Dubey
Updated: May 22, 2023 16:02 IST
गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बरी किए जाने के खिलाफ याचिका खारिज  जानें क्या है पूरा मामला
केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा (EXPRESS FILE PHOTO)
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केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा 'टेनी' (Mos Home Ajay Mishra) को 19 मई को प्रभात गुप्ता हत्याकांड में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की ओर से बड़ी राहत मिली थी। प्रभात गुप्ता हत्याकांड में अजय मिश्र टेनी को बरी कर दिया गया था। वहीं उनके बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में याचिका दायर की गई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। वहीं अब यूपी सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी।

अजय मिश्रा लोकसभा में लखीमपुर खीरी सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये मामला सन 2000 का है और इस मामले में अन्य अभियुक्तों को 2004 में एक स्थानीय अदालत ने सबूतों की कमी और अभियोजन पक्ष की विफलता के कारण बरी कर दिया था। यूपी सरकार ने हाई कोर्ट में उनके बरी होने के खिलाफ अपील दायर की थी, जबकि पीड़ित प्रभात गुप्ता के पिता संतोष गुप्ता ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने के लिए आपराधिक पुनरीक्षण याचिका दायर की थी।

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8 जुलाई 2000 को व्यवसायी संतोष गुप्ता ने लखीमपुर के तिकोनिया थाने में अजय मिश्रा व तीन अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि उनका पुत्र प्रभात गुप्ता उर्फ ​​राजू दोपहर करीब तीन बजे दुकान जा रहा था, लेकिन जब वह वहां पहुंचा तो मुख्य मार्ग पर आरोपियों ने हमला करने के लिए उसे घेर लिया। संतोष थोक किराना की दुकान चलाता था। उनकी प्राथमिकी में आरोप है कि अजय मिश्रा और उनके सहयोगी सुभाष उर्फ ​​मामा ने प्रभात पर गोलियां चलाईं।

शिकायतकर्ता ने कहा कि दो अन्य आरोपी राकेश उर्फ ​​डालू और शशिभूषण उर्फ ​​पिंकी ने हथियार लहराते हुए धमकी दी कि जो भी करीब आएगा उसे गोली मार दी जाएगी। आरोप है कि प्रभात की हत्या करने के बाद हमलावर मौके से फरार हो गए। शिकायतकर्ता ने कहा कि उनके दूसरे बेटे संजीव गुप्ता और विनोद ने इस घटना को देखा था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पंचायत चुनाव को लेकर अजय मिश्रा ने प्रभात के साथ दुश्मनी की थी।

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हाई कोर्ट ने 19 मई को अजय मिश्रा को बरी कर दिया। वहीं इस फैसले पर प्रभात के छोटे भाई राजीव गुप्ता ने कहा कि वे इसे चुनौती देने के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे। उन्होंने यह भी कहा, "मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध करूंगा कि उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने के लिए अधिकारियों को सर्वोच्च न्यायालय जाने के लिए निर्देश जारी करें। मैं सरकार से ऐसा करने का अनुरोध करूंगा क्योंकि 2004 में राज्य सरकार ने ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी। मैं इस संबंध में सीएम को पत्र लिखूंगा।"

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