बिजली के ‘मल्टी प्वाइंट कनेक्शन’ को लेकर कम होता जा रहा है लोगों में उत्साह
औद्योगिक महानगर नोएडा में ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी में मल्टी प्वाइंट कनेक्शन के प्रति उत्साह, उससे जुड़ी खामियों के चलते कम होता जा रहा है।नतीजतन अभी तक काफी कम सोसाइटी में ही मल्टी प्वाइंट कनेक्शन लगाए जा सके हैं। जबकि शहर की सभी बहुमंजिला सोसाइटी में इन्हें लगाने की तैयारी है। सरकारी विद्युत वितरण कंपनी पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) के मल्टी प्वाइंट कनेक्शन की एवज में खरीदारों से करीब 20 हजार रुपए मीटर के शुल्क के अलावा अन्य वजह भी इस व्यवस्था से पीछे हटने का मुख्य कारण बताया जा रहा है।
शहर की एक बिल्डर सोसाइटी में रहने वाले अरविंद कुमार ने बताया कि मल्टी प्वाइंट कनेक्शन लेने के बाद लिफ्ट से लेकर जिम और सार्वजनिक जगह (कामन एरिया) के रख-रखाव संबंधी दिक्कतें बढ़ जाएंगी। सोसाइटी के जिम, क्लब और सार्वजनिक उपयोग वाली जगह की बिजली का भुगतान कौन करेगा। बिल्डर प्रबंधन, अपार्टमेंट ओनर एसोसिएशन और निवासियों में इसको लेकर सामंजस्य बैठाना भी चुनौतीपूर्ण है।
चूंकि सोसाइटी के निवासी काफी पहले ही बिल्डर को बिजली के मीटर, वायरिंग समेत अन्य मद में मोटा भुगतान कर चुके हैं। वहीं, अब मल्टी प्वाइंट बिजली कनेक्शन के लिए निवासियों को अब दोबारा मीटर शुल्क समेत रिचार्ज करना पड़ेगा। मल्टी प्वाइंट बिजली के मीटर प्री पेड हैं। जो डिश या मोबाइल की तरह जितना रिचार्ज होगा, उतनी ही बिजली चलेगी।
सेक्टर- 78 हाइड पार्क सोसाइटी के अजय पांडे का करना है कि सरकार को यदि बिल्डर की मनमानी से खरीदारों को कुछ राहत देनी है, तो उसे मल्टी प्वाइंट कनेक्शन के मीटर का शुल्क नहीं लेना चाहिए। चूंकि पहले ही बिल्डर इस शुल्क को खरीदारों से वसूल चुका है और बिजली विभाग को इसका भुगतान भी कर चुका है। ऐसे में दोबारा मीटर लगाने के नाम पर निवासियों से धनराशि नहीं ली जानी चाहिए।