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Trolls के खिलाफ इस राज्य में शुरू हुई अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई, 20 मामले दर्ज, गिरफ़्तारी के लिए तलाशी तेज

डीसीपी ने कहा कि Trolls के खिलाफ कार्रवाई आईपीसी के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत दंडनीय हैं।
Written by: Rahul V Pisharody | Edited By: Nitesh Dubey
Updated: March 31, 2023 09:47 IST
trolls के खिलाफ इस राज्य में शुरू हुई अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई  20 मामले दर्ज  गिरफ़्तारी के लिए तलाशी तेज
प्रतीकात्मक तस्वीर
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हैदराबाद पुलिस ने बुधवार को सोशल मीडिया ट्रॉल्स के खिलाफ कार्रवाई की घोषणा की है। पुलिस उपायुक्त (साइबर अपराध) स्नेहा मेहरा (Sneha Mehra) ने पत्रकारों को बताया कि पुलिस ने पिछले महीने 20 मामले दर्ज किए हैं और धारा 41ए सीआरपीसी के तहत आठ ट्रॉल्स को नोटिस दिया है।

एक पुलिस अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मार्च के दूसरे सप्ताह में पुलिस को बीआरएस नेता और एमएलसी के कविता (BRS leader and MLC K Kavitha) का अपमान करने वाली ऑनलाइन सामग्री के बारे में कई शिकायतें मिलीं हैं। अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक जांच में पुलिस ने पाया कि इन ट्रोल्स ने अधिक ट्रैक्शन पाने के लिए और आर्थिक लाभों के लिए कंटेंट पोस्ट किया। पुलिस ने कहा कि यह सत्यापित किया जाना बाकी है कि क्या वे राजनीतिक दलों के लिए काम कर रहे थे।

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डीसीपी स्नेहा मेहरा ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, "यह कार्रवाई किसी राजनीतिक दल के खिलाफ नहीं है, बल्कि ट्रोल करने वालों के लिए एक संदेश है कि वे गुमनामी की आड़ में बच नहीं सकते। पुलिस ने कुछ युवाओं को ऐसी सामग्री पोस्ट करते देखा है जो आपत्तिजनक, मानहानिकारक और अपमानजनक हैं। कुछ जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मॉर्फ्ड वीडियो का उपयोग करके अपने ट्रैक्शन को बढ़ाने और आसानी से पैसा कमाने के लिए उपयोग किया जाता है। लाइक और सब्सक्राइबर्स के लिए वे कभी-कभी ऐसी सामग्री पोस्ट कर रहे थे जो महिलाओं की गरिमा को भी नुकसान पहुँचाती थी।"

डीसीपी ने कहा कि ये कार्रवाइयाँ आईपीसी के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत दंडनीय हैं। उन्होंने YouTube चैनलों के मालिकों और संचालकों को किसी भी प्रकार की ट्रोलिंग में लिप्त नहीं होने की चेतावनी दी।

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डीसीपी ने कहा, "हमने हाल ही में विभिन्न ट्रोलिंग चैनलों के मालिकों या अपलोडरों के खिलाफ लगभग 20 मामले दर्ज किए हैं, जो विभिन्न जनप्रतिनिधियों के खिलाफ आपत्तिजनक, मानहानिकारक और अपमानजनक मॉर्फ्ड वीडियो फैला रहे हैं। हमने आठ व्यक्तियों का पता लगाया है और उनके खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई की है। ट्रोल करने वालों में ज्यादातर 20 से 30 साल के युवा हैं, जो या तो पढ़ाई कर रहे हैं या पढ़ाई छोड़ चुके हैं। लंबे समय में ट्रोलिंग का ऐसा आकर्षण अभद्रता को बढ़ावा दे सकता है और युवाओं में अराजकता को बढ़ावा दे सकता है।

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