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'बड़े पहाड़ को हिलाने जैसी थी ये जीत', विधानसभा चुनाव में हार के बाद सांसद बनी संजना जाटव, कहा-मेरी सास ने बहुत साथ दिया

जीत के बाद से ही संजना जाटव खेरली गांव में असहनीय गर्मी के बावजूद अपने कार्यालय में आने वाले गांव के लोगों से मुलाकात करने में व्यस्त रहती हैं।
Written by: ईएनएस | Edited By: Mohammad Qasim
नई दिल्ली | Updated: June 14, 2024 11:01 IST
 बड़े पहाड़ को हिलाने जैसी थी ये जीत   विधानसभा चुनाव में हार के बाद सांसद बनी संजना जाटव  कहा मेरी सास ने बहुत साथ दिया
जीत के बाद संजना जाटव ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की (X/@IncSanjanajatav)
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राजस्थान की भरतपुर लोकसभा से जब 25 साल की संजना जाटव ने जीत दर्ज की तो हर तरफ उनकी चर्चा होने लगी। कार्यकर्ताओं के साथ खुशियां मनाते हुए उनके कई वीडियो सोशल मीडिया पर दिखाई देने लगे। एक वीडियो में वह खुशी से झूमती हुई दिखाई दीं जिसके बैकग्राउंड में गाना बज रहा था,--'छोरी तने करियो भरतपुर जाम'-- संजना जाटव कांग्रेस के टिकट पर जीतने वाली सबसे कम उम्र की दलित सांसद हैं।

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संजना जाटव ने भरतपुर लोकसभा सीट पर भाजपा के रामस्वरूप कोली को 53,000 से ज्यादा मतों से हराया है। इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत करते हुए संजना कहती हैं कि 'ऐसा उनके प्लान में नहीं था'। भरतपुर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का गृह जिला है और 2014 से भाजपा की ही सीट रही है।

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'हमारे पास जनता की ताकत थी'

जीत के बाद से ही संजना जाटव खेरली गांव में असहनीय गर्मी के बावजूद अपने कार्यालय में आने वाले गांव के लोगों से मुलाकात करने में व्यस्त रहती हैं। कठूमर विधानसभा से 2023 में मात्र 409 वोटों से हारने के कुछ महीने बाद मिली यह जीत उनके लिए काफी बड़ी है। वह बताती हैं कि शुरू में लोकसभा के लिए टिकट लेने से इनकार कर दिया था, लेकिन कांग्रेस नेताओं ने जोर दिया। इसलिए उन्होने जीतने के लिए सब कुछ लगा दिया।"

संजना जाटव ने कहा --"हमारे विरोधियों के पास पैसे की ताकत थी और हमारे पास लोगों की ताकत थी। हमारे कई वाहन प्रशासन ने जब्त कर लिए। पुलिस ने हमारे अभियान में हस्तक्षेप करने की कोशिश की। हमारे वाहनों का पीछा किया गया। भाजपा नेताओं ने स्थानीय कांग्रेस नेताओं और सरपंचों से समर्थन मांगा। यह चुनाव लड़ना एक विशाल पहाड़ को हिलाने जैसा था।"

संजना जाटव के बारे में

अलवर जिले के भुसावर कस्बे में एक गरीब परिवार में जन्मी संजना की उम्र 18 साल थी जब उन्होंने राजस्थान पुलिस में 32 साल के कांस्टेबल कप्तान सिंह से शादी की थी। साल 2021 में 2021 में संजना ने कठूमर जिला परिषद का चुनाव जीता था। वह कहती हैं, "मैं अपनी सास के समर्थन के बिना कभी चुनाव नहीं लड़ पाती। अब सांसद बनने के बाद मैं अपने बच्चों को दिल्ली या अलवर ले जाने की योजना बना रही हूं ताकि मैं उनके करीब रह सकूं।"

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खेरली गांव में वापस आकर वह अपने मेहमानों को इंतज़ार नहीं करवाने पर ज़ोर देती हैं। संजना कहती हैं, "जब मैं विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली में थी, तो मुझे वरिष्ठ राजनीतिक नेताओं से मिलने के लिए चार घंटे तक इंतज़ार करना पड़ा था। मैं जानती हूँ कि इंतज़ार करने वाले कमरे में बैठना कैसा होता है।"

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प्रियंका गांधी की नजर में थीं संजना जाटव

राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान संजना जाटव कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा की नज़र में आईं। वह 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' कार्यक्रम के दौरान भी संजना जाटव ने भी काफी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था।

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