अचानक बसपा दफ्तर क्यों पहुंचा सपा का सांसद? असहज नजर आए मायावती के कार्यकर्ता
समाजवादी पार्टी सांसदों के लिहाज से यूपी की सबसे बड़ी पार्टी है। सपा से इस बार कई ऐसा नेताओं ने भी चुनाव जीता है, जिन्होंने काफी अच्छा समय अन्य दलों में बिताया है। इन्हीं नेताओं में से एक हैं आर के चौधरी... आर के चौधरी मोहनलालगंज से लोकसभा चुनाव जीते हैं, उन्होंने बीजेपी के कौशल किशोर को 70,292 वोटों से हराया।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को सपा सांसद आर के चौधरी अचानक दिल्ली स्थित बहुजन समाज पार्टी के दफ्तर पर पहुंच गए। आर के चौधरी बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और उन्होंने कांशीराम के साथ भी किया।
आर के चौधरी के करीबी सूत्रों ने बताया कि वह बहुजन समाज पार्टी के दफ्तर सिर्फ परिसर से जुड़ी अपनी पुरानी यादों को ताजा करने के लिए गए थे। हालांकि वह बसपा कार्यालय से जल्दी ही निकल गए। कहा जा रहा है कि आर के चौधरी के अचानक बसपा कार्यालय पहुंचने से बसपा कार्यकर्ता असहज हो गए। माना जा रहा है कि इसकी वजह बीएसपी चीफ मायावती की तरफ से भविष्य में होनी वाली प्रतिक्रिया हो सकती है।
आर के चौधरी ने कौशल किशोर को हैट्रिक मारने से रोका
मोहनलालगंज लोकसभा सीट पर 1998 से साल 2009 तक लगातार समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की थी। मोदी युग की शुरुआत के बाद बीजेपी के कौशल किशोर ने यहां साल 2014 और साल 2019 में जीत दर्ज की। इस बार यहां सपा के आरके चौधरी को 6,67,869 वोट हासिल हुए जबकि कौशल किशोर को 5,97,577 मतों से संतोष करना पड़ा। बसपा इस बार यहां सिर्फ 88,461 वोट हासिल कर सकी।
2019 और 2014 में जीते थे कौशल किशोर
2019 के लोकसभा चुनाव में कौशल किशोर को 6,29,999 वोट मिले थे। उनके सामने चुनाव लड़े बसपा के सीएल वर्मा (सपा के साथ गठबंधन) को 5,39,795 वोट हासिल हुए। तब कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े आर के चौधरी को सिर्फ 60,069 वोट मिले थे।
इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में कौशल किशोर को 4,55,274 वोट मिले थे। इस चुनाव में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े आर के चौधरी को 3,09,858 वोट हासिल हुए। सपा की प्रत्याशी सुशीला सरोज को 2,42,366 वोट जबकि कांग्रेस के नरेंद्र गौतम को 52,598 वोट हासिल हुए। मोहनलालगंज लोकसभा सीट पर साल 2009 में सपा की सुशील सरोज, 2004 में सपा के जय प्रकाश, 1999 और 1998 में सपा की रीना चौधरी ने जीत दर्ज की थी।