Lok Sabha Elections: 'दुख की बात है प्रधानमंत्री मंगलसूत्र और मुसलमानों...', डिंपल यादव का बीजेपी पर जोरदार हमला
Lok Sabha Elections: उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट से सपा प्रत्याशी डिंपल यादव इस वक्त आकर्षण का केंद्र बनी हैं। कोई उनको डिंपल भाभी कहता है तो कोई उन्हें नेता जी की बहू कहकर आवाज लगाता है। पुरुष और महिलाएं समान रूप से उन्हें देखने के लिए मंच के चारों तरफ भीड़ लगा लेती हैं। इसलिए, मैनपुरी की सांसद बोलने के दौरान मंच पर खड़ी रहती हैं, ताकि दर्शक उन्हें देख सकें।
एक टीवी चैनल से बात करते हुए डिंपल यादव ने कहा कि इस चुनाव में नौकरी, बेरोजगारी और महंगाई सबसे बड़ा मुद्दा है। इसके अलावा कुछ नहीं है। जनता बीजेपी सरकार से त्रस्त आ चुकी है। क्योंकि बीजेपी ने जो भी वादे किए थे, उन्होंने उसमें कोई वादा पूरा नहीं किया है। डिंपल कहा कि बीजेपी कहती कि कालाधन वापस आएगा, क्या कालाधन वापस आ गया, 15 लाख रुपये बैंक अकाउंट में आएंगे, क्या ऐसा हुआ।
बीजेपी ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही- डिंपल यादव
डिंपल यादव ने इस दौरान भारतीय जनता पार्टी को भ्रष्टाचारी पार्टी करार दिया। उन्होंने कहा कि कितना भी बड़ा भ्रष्टाचारी हो, वो बीजेपी में जाकर ईमानदार हो जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंगलसूत्र संबंधी टिप्पणी और विपक्ष द्वारा मुसलमानों के प्रति उदारता के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर डिंपल ने इसे ध्यान भटकाने वाला कदम बताया।
मैनपुरी सपा प्रत्याशी ने कहा कि मुझे लगता है कि यह देश की बहुत दुखद स्थिति है कि ऐसी बातें (मंगलसूत्र और मुस्लिम) कोई ऐसा व्यक्ति कह रहा है जो भाजपा नेतृत्व के शीर्ष पर है और कोई ऐसा व्यक्ति जो देश के शीर्ष पद पर है।
उन्होंने कहा कि यह देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है कि विभाजनकारी राजनीति का इस्तेमाल किया जा रहा है और अब पूरी दुनिया जानती है कि जब भी चुनाव आते हैं तो लोगों को प्रभावित करने और प्रमुख मुद्दों से उनका ध्यान भटकाने के लिए ऐसी बातें की जाती हैं। मुझे लगता है कि मोदी सरकार के 10 साल और योगी सरकार के सात साल ने देश में महंगाई और बेरोजगारी बढ़ा दी है। महिलाएं भी अब सुरक्षित नहीं हैं। लोग यह सब समझ रहे हैं।
अपने ससुर और लंबे समय से क्षेत्रीय सांसद मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद डिंपल ने 2022 में मैनपुरी से लोकसभा उपचुनाव 2.9 लाख वोटों के बड़े अंतर से जीता था।
2012 में कन्नौज से निर्विरोध जीती थीं डिंपल
डिंपल ने 2012 में कन्नौज लोकसभा सीट निर्विरोध जीतकर अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी। 2014 में भी उन्होंने कन्नौज लोकसभा सीट से जीत दर्ज की थी, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें बीजेपी प्रत्याशी सुब्रत पाठक से हार का सामना करना पड़ा था।
मैनपुरी में सपा समर्थकों का कहना है कि वह इस बार मुलायम की करीब 3.5 लाख वोटों की जीत के रिकॉर्ड को तोड़ देंगी। भाजपा के उत्तर प्रदेश मंत्री जयवीर सिंह उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी हैं। सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव के तीसरे दौर में सात मई को मैनपुरी में मतदान होगा।
अखिलेश के कन्नौज से लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर डिंपल कहती हैं कि कन्नौज से चुनाव लड़ने का फैसला उनके पति और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का है। लोग चाहते थे कि वह वहां से चुनाव लड़ें। इसीलिए उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया है। इससे हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा है। हम कन्नौज लोकसभा सीट बड़े अंतर से जीतेंगे।
डिंपल कहती हैं कि मैनपुरी के लोगों के साथ हमेशा पारिवारिक रिश्ता रहा है। मुझे लगता है कि यहां के लोगों का मेरे लिए प्यार बढ़ता ही जा रहा है। वो कहती हैं कि मैनपुरी लोकसभा और विधानसभा सीटें हमेशा से ही नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के लिए जानी जाती रही हैं और हमेशा उनके नाम से जानी जाएंगी।
डिंपल ने भीड़ से कहा कि आरक्षण खत्म करने के लिए संविधान बदल दिया जाएगा और अगर बीजेपी जीती तो वे अगली बार वोट नहीं कर पाएंगे। जब उनसे पूछा गया कि वह भीड़ को ऐसी आशंकाओं के बारे में क्यों बता रही हैं, तो उन्होंने कहा, ''अभी दबाव की राजनीति है जो लोकतंत्र के लिए सही नहीं है।'' उन्होंने कहा कि दबाव की यह राजनीति केवल एक समुदाय पर नहीं, बल्कि सभी समुदायों के लोगों पर इस्तेमाल की जा रही है। इसलिए मुझे लगता है कि लोकतंत्र और संविधान को बचाने का यह सही अवसर और मौका है और हर कोई इसके लिए एक साथ आ रहा है।
डिंपल अपने प्रचार भाषणों में नौकरियों और बेरोजगारी का मुद्दा उठाती रहती हैं। वो कहती हैं कि विदेशों में अगर सरकारें अपने वादों पर खरी नहीं उतरतीं तो वहां सरकारें इस्तीफा दे देती हैं। मुझे लगता है कि ऐसे समय में जब सरकारों को इस्तीफा दे देना चाहिए, यह पहली सरकार है जो झूठे वादे करती है और फिर नए वादे करती है और लोगों को वास्तविक मुद्दों से भटकाने के लिए नए मुद्दे लाती है। ऐसे में अब अखिलेश यादव और डिंपल यादव दोनों ही पारिवारिक गढ़ कन्नौज और मैनपुरी से चुनाव लड़ रहे हैं, ऐसे में एसपी को बीजेपी से यूपी में मुलायम परिवार का गढ़ दोबारा हासिल करने की उम्मीद है।