Pune Porsche Case: नाबालिग आरोपी के पिता-दादा को मिली जमानत, ड्राइवर के अपहरण का था आरोप
पुणे में पोर्श कार दुर्घटना में कथित रूप से शामिल नाबालिग के पिता और दादा को एक पारिवारिक ड्राइवर के अपहरण और गलत तरीके से बंधक बनाने के मामले में जमानत मिल गई है। आरोपी के दादा और पिता के वकील प्रशांत पाटिल ने बताया कि उनके मुवक्किलों को कथित अपहरण और गलत तरीके से बंधक बनाने के मामले में अदालत ने जमानत दे दी है।
आरोपी के माता, पिता और दादा जेल में थे
प्रशांत पाटिल ने कहा, "मेरे मुवक्किल जांच एजेंसी के साथ सहयोग करेंगे और अदालत की कड़ी (जमानत) शर्तों का पालन करेंगे।" नाबालिग के माता-पिता और दादा इस घटना से संबंधित दो अलग-अलग मामलों में जेल में हैं। लड़के के ब्लड के सैंपल की कथित अदला-बदली और परिवार के ड्राइवर के कथित अपहरण और गलत तरीके से बंधक बनाए रखने का मामला तीनों पर चल रहा है।
पिछले हफ़्ते बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद नाबालिग को निगरानी गृह से रिहा कर दिया गया और उसकी कस्टडी उसकी मौसी को सौंप दी गई थी। हालांकि पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार के हवाले से पीटीआई ने बताया कि पुणे पुलिस बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की योजना बना रही है।
19 को घटी थी दर्दनाक घटना
जब यह घटना घटी तब नाबालिग कथित तौर पर नशे में था और अपने पिता (एक रियल एस्टेट व्यवसायी) की लग्जरी कार चला रहा था। 19 मई की सुबह पुणे के कल्याणी नगर इलाके में कार ने एक दोपहिया वाहन को टक्कर मार दी, जिसमें दो आईटी प्रोफेशनल्स की मौत हो गई थी। घटना के तुरंत बाद आक्रोश फैल गया क्योंकि किशोर न्याय बोर्ड (JJB) ने उसी दिन 17 वर्षीय किशोर को जमानत दे दी। बोर्ड ने आदेश दिया था कि उसे उसके माता-पिता और दादा की देखभाल और निगरानी में रखा जाए और उसे सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिखने का निर्देश दिया था। निबंध वाले आदेश पर काफी विवाद हुआ था।
आरोपी नाबालिग के माता-पिता को ब्लड सैंपल की अदला-बदली में उनकी संदिग्ध भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया था। नाबालिग की मां ने 1 जून को सबूतों से छेड़छाड़ की बात स्वीकार करते हुए कहा कि उसने इस तथ्य को छिपाने के लिए उसके ब्लड सैंपल बदल दिए कि वह नशे में था।