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कर्नाटक सरकार पांच चुनावी गारंटी पूरी करने के बाद फंड की कमी से जूझ रही है? बीजेपी ने लगाया सरकारी जमीन बेचने का आरोप

वित्त विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राज्य के पास धन की कमी होने के आरोप सत्य नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार हमेशा अपने राजस्व में सुधार के उपायों पर विचार करती रही है।
Written by: ईएनएस | Edited By: Mohammad Qasim
नई दिल्ली | Updated: June 26, 2024 13:50 IST
कर्नाटक सरकार पांच चुनावी गारंटी पूरी करने के बाद फंड की कमी से जूझ रही है  बीजेपी ने लगाया सरकारी जमीन बेचने का आरोप
कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार। (इमेज- पीटीआई)
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कर्नाटक की कांग्रेस सरकार प्रदेश के सरकारी खजाने को बढ़ाने के लिए चिंतित दिख रही है। इसकी वजह सरकार की पांच गारंटी योजनाओं को लागू करने में आई लागत है। जिसमें कुल खर्च 3.46 लाख करोड़ आया है। जो प्रदेश के कुल बजट 52,000 करोड़ रुपये का छठा हिस्सा है। कर्नाटक सरकार अपने विभागों के बेहतर रिसोर्स ना खोज पाने से नाखुश है और अब सरकारी फंड मैनेजमेंट को बेहतर बनाने के लिए बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) की मदद ले रही है।

बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप ने क्या सुझाव दिए हैं? 

बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप ने सरकार को एक ड्राफ्ट सौंपा है जिसमें फंड कलेक्ट करने के नए सोर्स और तरीके खोजने का जिक्र है। फर्म ने सुझाव दिया है कि सरकार को बेंगलुरु और उसके आसपास के इलाकों में 25,000 एकड़ जमीन बेच कर पैसा जुटाना चाहिए।

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सीएम सिद्धारमैया ने हाल ही में राजस्व पैदा करने वाले प्रमुख विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी। इस मीटिंग के बाद खबर सामने आई थी कि सीएम राजस्व ना बढ़ने से नाखुश थे। इस बैठक के कुछ दिनों बाद ही कांग्रेस सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर बिक्री टैक्स में 3-3 रुपये की बढ़ोतरी करने का फैसला किया था। जिससे करीब 2,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व हासिल करने की उम्मीद बताई गई थी। यह ऐसा एकमात्र फैसला नहीं था बल्कि सरकार इससे पहले भी इस तरह के प्रयास करती रही है। ऐसे में सरकारें सुधार के लिए शराब की कीमतों में संशोधन करती है। स्टाम्प ड्यूटी में बढ़ोतरी आदि फैसले भी ऐसे वक़्त में लिए जाते हैं।

बीजेपी ने साधा निशाना, सरकार ने दिया जवाब 

इस तरह की खबरों पर बीजेपी ने निशाना साधा और कांग्रेस सरकार पर सरकारी संपत्तियां बेचने का आरोप लगाया। हालांकि कांग्रेस सरकार ने ऐसे किसी फैसले पर कहा कि सरकार किसी सरकारी जमीन को बेचने नहीं जा रही है।

वित्त विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राज्य के पास धन की कमी होने के आरोप सत्य नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार हमेशा अपने राजस्व में सुधार के उपायों पर विचार करती रही है। इसके अलावा विपक्ष 9.5 करोड़ रुपये की लागत से छह महीने के लिए बीसीजी की नियुक्ति पर भी सवाल उठा रहा है। हालांकि पिछली बीजेपी सरकार ने भी इस फर्म को हायर किया था।

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कांग्रेस पार्टी की पांच गारंटी क्या हैं?

गृह ज्योति (Gruha Jyothi)-

इस योजना के तहत बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवार को 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली।

गृहलक्ष्मी (Gruha Lakshmi)-

राज्य की प्रत्येक महिला मुखिया को 2000 रुपये।

अन्न भाग्य (Anna Bhagya)-

गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) परिवार के प्रत्येक व्यक्ति को प्रति माह 10 किलो अनाज मिलेगा।

युवा निधि (Yuva Nidhi)-

इस योजना के अंतर्गत बेरोजगार ग्रेजुएट को दो साल तक 3,000 रुपये प्रति महीना और बेरोजगार डिप्लोमा धारकों को 1,500 रुपये प्रति महीना।

शक्ति (Shakti scheme)-

केएसआरटीसी/बीएमटीसी बसों में पूरे राज्य में सभी महिलाओं को मुफ्त यात्रा प्रदान करना।

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