नाबालिग लड़की का पीछा करने वाले कॉलेज छात्र को हाई कोर्ट ने दी जमानत, कहा- दो महीने तक हॉस्पिटल में करनी होगी लोगों के सेवा
मध्य प्रदेश में एक कॉलेज छात्र को हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़की का पीछा करने और उसे परेशान करने के मामले में जमानत दे दी है। कोर्ट ने जमानत देते हुए लड़के के 'अच्छे फैमिली बैकग्राउंड' का ज़िक्र किया और शर्त रखी कि वह दो महीने तक भोपाल हॉस्पिटल में लोगों की सेवा करेगा।
जस्टिस आनंद पाठक ने 16 मई के आदेश में यह माना कि POCSO के तहत दर्ज आरोप बहुत भद्दे थे लेकिन आरोपी को अपना रास्ता सुधारने का मौका मिलना चाहिए। लड़के को पुलिस ने 4 अप्रैल को गिरफ्तार किया था। उसपर आरोप लगे थे कि वह एक नाबालिग लड़की का पीछा कर रहा था और उसे कॉल कर परेशान कर रहा था।
अदालत ने रखी गजब शर्त
अदालत ने आरोपी छात्र को हर शनिवार और रविवार को सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक भोपाल जिला अस्पताल में अपनी सेवाएं देने का आदेश दिया है। शर्त में कहा गया है कि वह डॉक्टरों और कंपाउंडरों की मदद करेगा और मरीजों का ख्याल रखेगा। आरोपी ने हाई कोर्ट में तर्क दिया था कि लंबे वक्त तक जेल में रहने से उसकी शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
लड़के के वकील ने अदालत को बताया कि उसे सज़ा मिल चुकी है और वह अब ऐसा नहीं करेगा। उसे अब उसकी शिक्षा और बेहतर देखभाल के लिए जमानत दे दी जाए। आरोपी के माता-पिता भी अदालत में पहुंचे और कहा कि उनके बेटे ने जो किया उससे वे शर्मिंदा हैं और उन्होंने वादा किया कि वह अपनी हरकतें दोबारा नहीं करेगा। आरोपी के वकील ने अदालत को सुझाव दिया इस बीच जब उसे रिहा कर दिया जाएगा तो वह कम्यूनिटी सेवा उया कुछ और क्रिएटिव काम करेगा।
अदालत ने क्या कहा?
अदालत ने जमानत देते हुए शर्त रखी और कहा, “ उसे न तो ऑपरेशन थिएटर में जाने की अनुमति दी जाएगी, न ही निजी वार्डों में और न ही उन्हें मरीजों को किसी भी प्रकार की दवा या इंजेक्शन आदि देने की अनुमति दी जाएगी। लेकिन वह अस्पताल में मरीजों की सेवा करेगा।"