होमताजा खबरराष्ट्रीयमनोरंजन
राज्य | उत्तर प्रदेशउत्तराखंडझारखंडछत्तीसगढ़मध्य प्रदेशमहाराष्ट्रपंजाबनई दिल्लीराजस्थानबिहारहिमाचल प्रदेशहरियाणामणिपुरपश्चिम बंगालत्रिपुरातेलंगानाजम्मू-कश्मीरगुजरातकर्नाटकओडिशाआंध्र प्रदेशतमिलनाडु
वेब स्टोरीवीडियोआस्थालाइफस्टाइलहेल्थटेक्नोलॉजीएजुकेशनपॉडकास्टई-पेपर

नाबालिग लड़की का पीछा करने वाले कॉलेज छात्र को हाई कोर्ट ने दी जमानत, कहा- दो महीने तक हॉस्पिटल में करनी होगी लोगों के सेवा

अदालत ने आरोपी छात्र को हर शनिवार और रविवार को सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक भोपाल जिला अस्पताल में अपनी सेवाएं देने का आदेश दिया है।
Written by: न्यूज डेस्क | Edited By: Mohammad Qasim
नई दिल्ली | Updated: May 23, 2024 09:04 IST
मध्यप्रदेश में नाबालिग लड़की के साथ छेड़छाड़ का मामला (फोटो : Express)
Advertisement

मध्य प्रदेश में एक कॉलेज छात्र को हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़की का पीछा करने और उसे परेशान करने के मामले में जमानत दे दी है। कोर्ट ने जमानत देते हुए लड़के के 'अच्छे फैमिली बैकग्राउंड' का ज़िक्र किया और शर्त रखी कि वह दो महीने तक भोपाल हॉस्पिटल में लोगों की सेवा करेगा। 

जस्टिस आनंद पाठक ने 16 मई के आदेश में यह माना कि POCSO के तहत दर्ज आरोप बहुत भद्दे थे लेकिन आरोपी को अपना रास्ता सुधारने का मौका मिलना चाहिए। लड़के को पुलिस ने 4 अप्रैल को गिरफ्तार किया था। उसपर आरोप लगे थे कि वह एक नाबालिग लड़की का पीछा कर रहा था और उसे कॉल कर परेशान कर रहा था।

Advertisement

अदालत ने रखी गजब शर्त

अदालत ने आरोपी छात्र को हर शनिवार और रविवार को सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक भोपाल जिला अस्पताल में अपनी सेवाएं देने का आदेश दिया है। शर्त में कहा गया है कि वह डॉक्टरों और कंपाउंडरों की मदद करेगा और मरीजों का ख्याल रखेगा। आरोपी ने हाई कोर्ट में तर्क दिया था कि लंबे वक्त तक जेल में रहने से उसकी शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।

लड़के के वकील ने अदालत को बताया कि उसे सज़ा मिल चुकी है और वह अब ऐसा नहीं करेगा। उसे अब उसकी शिक्षा और बेहतर देखभाल के लिए जमानत दे दी जाए। आरोपी के माता-पिता भी अदालत में पहुंचे और कहा कि उनके बेटे ने जो किया उससे वे शर्मिंदा हैं और उन्होंने वादा किया कि वह अपनी हरकतें दोबारा नहीं करेगा। आरोपी के वकील ने अदालत को सुझाव दिया इस बीच जब उसे रिहा कर दिया जाएगा तो वह कम्यूनिटी सेवा उया कुछ और क्रिएटिव काम करेगा।

Advertisement

अदालत ने क्या कहा?

अदालत ने जमानत देते हुए शर्त रखी और कहा, “ उसे न तो ऑपरेशन थिएटर में जाने की अनुमति दी जाएगी, न ही निजी वार्डों में और न ही उन्हें मरीजों को किसी भी प्रकार की दवा या इंजेक्शन आदि देने की अनुमति दी जाएगी। लेकिन वह अस्पताल में मरीजों की सेवा करेगा।"

Advertisement
Tags :
Madhya PradeshPOCSO
विजुअल स्टोरीज
Advertisement
Jansatta.com पर पढ़े ताज़ा एजुकेशन समाचार (Education News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए जनसत्ता की हिंदी समाचार ऐप डाउनलोड करके अपने समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं ।
Advertisement