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Hathras Incident: बाबा के आश्रम में लगे नलों से निकलता है 'अमृत', भरने के लिए लगती है लोगों की भारी भीड़

हाथरस में बीती शाम बड़ा हादसा हुआ है। जहां सैकड़ों लोगों की मौत हो गई है। जबकि दर्जनों से ज्यादा लोगों के लापता होने की जानकारी है।
Written by: न्यूज डेस्क
नई दिल्ली | July 03, 2024 08:23 IST
भोले बाबा के आाश्रम में हैंडपंपों के पानी को लोग मानते हैं प्रसाद
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उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए हादसे के बाद भोले बाबा की कहानी सामने आने लगी है। इस हादसे में अभी तक 116 लोगों की मौत हो गई है। जबकि 20 लोगों के लापता होने की खबर आ रही है। जिस भोले बाबा को सुनने के लिए अनुयायी घटना स्थल पर पहुंचे थे। उस बाबा का आश्रम कासगंज जिले के पटियाली तहसील क्षेत्र के बहादुर नगर गांव में बना हुए है। जहां आश्रम में बाबा के अनुयायियों को भारी भीड़ पहुंचती है।

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बाबा का आश्रम करीब तीस बीघे में बना हुआ है। स्थिति ऐसी है कि जिले में दूसरा कोई ऐसा आश्रम नहीं है। इस आश्रम में बाबा ने अपने अनुयायियों के रुकने के लिए करीब पांच बीघे में विश्राम घर बनाया है। इस आश्रम में बाबा के दर्शन के लिए हर रोज हजारों भक्तों की संख्या पहुंचती है। जबकि तीज-त्योहारों पर भक्तों की संख्या में कई गुना इजाफा हो जाता है। इतना ही नहीं सत्संग हो या न हो भक्तों की भारी भीड़ बाबा के दरबार में उमड़ती है।

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भोले बाबा के इसी आश्रम में पीने के लिए नल लगा हुआ है। जिसको लेकर लोगों की मान्यता है कि इस नल से पानी नहीं बल्कि अमृत निकलता है। इस नल का पानी भक्त नहाने के साथ ही पीने का भी उपयोग कर रहे हैं। इसके साथ ही पानी को अपने घर भी प्रसाद के रूप में ले जाते हैं। इस नल को लेकर यह मान्यता काफी समय से चली आ रही है। जिसको लेने के लिए दूर-दूर से बाबा के अनुयायी नियमित पहुंचते हैं।

मंगलवार को उमड़ती है भक्तों की भारी भीड़

इतना ही नहीं भक्त बस, साधन और ट्रेनों से पहुंचते हैं। कासगंज के पटियाली स्टेशन और बहादुर नगर मार्ग पर हर मंगलवार को काफी भीड़ होती है। वहीं पास के रहने वाले इसको लेकर कहते हैं कि बाबा के भक्ति में लीन उनके अनुयायी आश्रम आते जाते हैं जिसके वजह से इलाका गुलजार बना रहता है। जानकारी के अनुसार पहले हर मंगलवार को बाबा इस आश्रम में अपना सत्संग करता है। जिसमें काफी भक्त पहुंचते थे। लेकिन पिछले कई सालों से ये प्रथा बंद है। लोगों का कहना है कि काफी समय से बाबा भी इस आश्रम में नहीं आए हैं। 

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