Delhi IGI Airport Roof Shed Collapse: चश्मदीदों ने बताया एक बार तो लगा कि कोई बड़ा विस्फोट हुआ, भीड़ नहीं होने से बच गई लोगों की जान
निर्भय कुमार पांडेय
दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) हवाई अड्डे के टर्मिनल-1 की छत का एक हिस्सा शुक्रवार तड़के अचानक गिरने से जोरदार धमाका हुआ था। घटनास्थल पर मौजूद यात्रियों, सुरक्षाकर्मियों और वाहन चालकों को कुछ समझ में नहीं आया कि यह क्या हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि एक बार तो लगा कि कोई बड़ा विस्फोट हुआ है।
हादसे के तुरंत बाद हवाई अड्डा परिसर में अफरा-तफरी फैल गई। एक प्रत्यक्षदर्शी कैब चालक सुमित ने बताया कि उस वक्त वे चंद कदम की दूरी पर सवारी को उतार रहे थे, तभी अचानक से जोरदार धमाके के साथ हादसा हो गया। किसी को समझ में नहीं आ रहा था कि यह क्या हुआ। उन्होंने बताया कि जब वह मौके पर पहुंचे तो पाया कि कई वाहन एक बड़े लोहे के बीम के नीचे फंसे हुए हैं और कुछ लोग घायल हो गए हैं।
सुमित ने बताया कि मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मी और लोगों ने घायलों को वाहन से बाहर निकाला गया और कैब चालक ने अपने-अपने पास मौजूद चिकित्सा किट निकाल कर उन्हें प्राथमिक उपचार दिया। हालांकि, तब तक कैट्स एंबुलेंस और दिल्ली पुलिस की पीसीआर भी मौके पर पहुंच गई थी, जिसके बाद घायलों को पास के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पर एक चालक को मृत घोषित कर दिया गया।
आईजीआई, पुलिस उपायुक्त उषा रंगनानी ने बताया कि जहां पर छत का एक हिस्सा गिरा था। उसकी घेराबंदी कर दी है और टीम तैनात की गई है, ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि वहां तक कोई न जा सके। पुलिस और सरकार की अलग-अलग टीम जांच के लिए उक्त स्थान का दौरा करेंगी।
‘कोलकाता जाना था’
यात्री रीमा बनर्जी ने बताया कि वह सुबह चार बजे द्वारका सेक्टर-10 से कोलकाता जाने के लिए हवाई अड्डे पर कैब से पहुंची थीं। जब वह पहुंची तो पता चला कि यह बड़ा हादसा हुआ है। उन्होंने बताया कि शुरुआत में तो कुछ पता ही नहीं चल रहा था। मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मी और कर्मचारी कभी इधर तो कभी उधार जाने की हिदायत दे रहे थे। हालांकि, यह बता दिया गया था कि विमान सेवा कुछ समय के लिए बाधित है। जब तक उन्हें हादसा का पता चलता, तब तक वह हवाई अड्डे पर पहुंच चुकी थीं।
कम लोग थे घटनास्थल पर मौजूद
एक अन्य कैब चालक रवि कुमार ने बताया कि हादसे के समय बहुत कम लोग वहां मौजूद थे और यातायात भी सीमित था, नहीं तो बड़ी संख्या में लोग हताहत होते। रवि ने बताया कि सुबह के वक्त हवाई अड्डे पर आमतौर पर कम भीड़भाड़ होती है। दरअसल, हादसा उस स्थान पर हुआ था, जहां पर वाहन चालक सवारियों को उतारते और चढ़ाते (पिकअप-ड्रापअप) की व्यवस्था होती है। आमतौर पर उस स्थान पर भीड़भाड़ तड़के नहीं होती।
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