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Delhi Heatwave: 'बंजर रेगिस्तान बन जाएगी राजधानी', दिल्ली की भयानक गर्मी पर हाईकोर्ट ने कही डरावनी बात

Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट में गर्मी को लेकर हुई सुनवाई के दौरान कहा गया कि वनों की कटाई के चलते गर्मी ज्यादा पड़ रही है।
Written by: न्यूज डेस्क
नई दिल्ली | Updated: June 02, 2024 19:05 IST
delhi heatwave   बंजर रेगिस्तान बन जाएगी राजधानी   दिल्ली की भयानक गर्मी पर हाईकोर्ट ने कही डरावनी बात
Delhi Heatwave: दिल्ली की गर्मी में झुलस रही है जनता (सोर्स - PTI/File)
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Delhi Heatwave: एक तरफ देश में आम चुनाव के चलते सियासी पारा चढ़ा हुआ है, दूसरी ओर गर्मी भी रिकॉर्ड तोड़ने को आतुर है। इतना ही नही, दिल्ली में तापमान 50-52 डिग्री तक जा चुका है, जिसके चलते लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इस गर्मी का संज्ञान लेते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि अगर वनों की कटाई ऐसे ही होती रही तो देश की राजधानी एक बंजर रेगिस्तान बन जाएगी।

दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस तुषार राव गेडेला ने कहा कि इस तथ्य पर न्यायिक संज्ञान लिया गया है कि हाल ही में 30 मई को दिल्ली में आधिकारिक तापमान 52.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। अगर वर्तमान पीढ़ी वनों की कटाई के प्रति उदासीन दृष्टिकोण अपनाती रही, तो वह दिन दूर नहीं, जब यह शहर केवल एक बंजर रेगिस्तान बनकर रह जाएगा।

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वनों के संरक्षण को लेकर कही ये बात

वहीं दिल्ली हाई कोर्ट ने इससे पहले अपने पूर्व जस्टिस नजमी वजीरी को दिल्ली में वनों के संरक्षण से संबंधित शहर के अधिकारियों की एक आंतरिक विभागीय समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया था। उच्च न्यायालय को सूचित किया गया कि वजीरी बुनियादी ढांचे की कमी के कारण अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में असमर्थ हैं।

उच्च अदालत ने कहा कि यह अदालत ऐसी स्थिति को बर्दाश्त नहीं कर सकती, जहां अध्यक्ष (जस्टिस वजीरी) कार्यालय स्थान या क्लर्क और सहायक कर्मचारियों या यहां तक कि ट्रांसपोर्ट साधनों की कमी के कारण जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में असमर्थ हों।

15 दिन तक का दिया गया समय

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि हालांकि, विभाग को अलग-अलग क्षमता में कर्मचारी उपलब्ध कराने का निर्देश देने के बजाय, विभाग को मामले को पूरी गंभीरता से आगे बढ़ाने का निर्देश देना उचित समझा गया है कि किसी भी स्थिति में मंजूरी में 15 जून से अधिक देरी नहीं की जाए।

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बता दें कि एडवोकेट आर. अरुणाद्रि अय्यर के माध्यम से दायर समिति के अध्यक्ष की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली सरकार को बुनियादी ढांचे, लिपिकीय कर्मियों, सहायक कर्मियों और ट्रांसपोर्ट की आवश्यकता के बारे में सूचित किया गया था, जो अध्यक्ष के अपनी जिम्मेदारियों का कुशलतापूर्वक निर्वहन करने के लिए आवश्यक होगा।

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