पंजाब के गवर्नर बोले- लाल चंद कटारूचक पर गंभीर आरोप, बर्खास्त करे सरकार; बेहद संगीन है मामला
पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने गुरुवार (31 मई) को मुख्यमंत्री भगवंत मान से पंजाब सरकार के मंत्री लाल चंद कटारूचक के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। दरअसल मंत्री लाल चंद कटारूचक यौन दुराचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं। राज्यपाल ने मंत्री पर जघन्य अपराध करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें मंत्रिमंडल में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
NCSC ने जारी किया था नोटिस
इससे पहले राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) ने गुरदासपुर के एक पुरुष पीड़िता द्वारा कटारुचक के खिलाफ दर्ज कराए गए "यौन दुराचार" की शिकायत के बाद पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया था। इसके बाद पंजाब पुलिस इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है।
राज्यपाल ने कहा 'इसे नहीं भुलाया जा सकता'
पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने कहा मीडिया वार्ता को संबोधित करते हुए कहा, "यह मत भूलना, यह जघन्य अपराध है, जो मंत्री ने किया है। उन्हें कैबिनेट में रहने का अधिकार नहीं है"। उन्होंने कहा, "मैं मीडिया के माध्यम से फिर से मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाना चाहता हूं कि इस मंत्री के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए"।
भगवंत मान के नेतृत्व वाली आप सरकार इस मुद्दे को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही है और विपक्षी दल मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
पीड़ित की शिकायत पर संज्ञान लेने के बाद एनसीएससी ने पिछले महीने पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को मामले की जांच करने और कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने को कहा था।
क्या था पूरा मामला
एनएससीएन ने पीड़ित की शिकायत का हवाला देते हुए कहा था कि मंत्री ने कथित तौर पर 2013-14 में फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर पीड़ित से संपर्क किया था और जब उसने इसे स्वीकार कर लिया तो कटारुचक ने कथित तौर बात को आगे बढ़ाया था।
बयान में कहा गया है, "वह एक प्रभावशाली व्यक्ति थे, उन्होंने मुझे एक सरकारी नौकरी देने का वादा किया था जिसके कारण मैं चुप रहा। मैं उस समय कुछ भी समझने के लिए बहुत छोटा था। उन्होने मेरा यौन उत्पीड़न किया जो 2021 तक जारी रहा। हालांकि, वह मुझसे आखिरी बार 2021 में दीवाली पर मिले थे और उन्होंने न तो मुझे नौकरी दी और न ही उसके बाद मुझसे मिले।
कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने फोरेंसिक जांच के लिए राज्यपाल को इस मामले से जुड़ी वीडियो क्लिप सौंपी थी। हालांकि उन्होंने मंत्री का नाम नहीं लिया था।