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जर्मन महिला की हत्या की गुत्थी में उलझ गई थी पुणे पुलिस, फिर एक Bite Mark ने सुलझा दिया पूरा केस, बना सबसे अहम साक्ष्य

2006 में पुलिस कॉरविनस के फ्लैट पर पहुंची तो होश उड़ गए। महिला का क्षत विक्षत शरीर फ्लैट के भीतर था। इस जघन्य हत्याकांड को देखकर पुलिस के भी होश उड़ गए। महिला का सिर काटा गया था।
Written by: shailendragautam
May 30, 2023 13:22 IST
जर्मन महिला की हत्या की गुत्थी में उलझ गई थी पुणे पुलिस  फिर एक bite mark ने सुलझा दिया पूरा केस  बना सबसे अहम साक्ष्य
(प्रतीकात्मक फोटो- इंडियन एक्सप्रेस)
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पुणे के कोरेगांव पार्क में एक जर्मन आर्किटेक्ट की हत्या ने पुलिस को उलझा कर रख दिया था। मौके से एक चेक मिला था जिस पर खून के धब्बे थे। कयास थे कि प्रापर्टी को लेकर महिला की हत्या की गई। पुलिस ने जांच का रुख बदला और सारा ध्यान प्रापर्टी की खरीद फरोख्त से जुड़े लोगों पर लगाया। पुलिस के निशाने पर प्रापर्टी डीलर आ चुके थे। लेकिन लाख हाथ पैर मारने के बाद भी पुलिस कातिल का पता नहीं लगा पा रही थी। अचानक एक डीलर के शरीर पर Bite Mark दिखा। महिला के दातों से वो मार्च मैच कराया गया। फिर Bite Mark की वजह से कातिल उनके हत्थे चढ़ गया।

जर्मन महिला गडरन कॉरविनस पेशे से आर्किटेक्ट थी। वो 1961 में भारत आई थी। उसके बाद पुणे के डेक्कन कॉलेज से जुड़ गई। उसने एक वैज्ञानिक से शादी भी कर ली। लेकिन ये रिश्ता ज्यादा समय तक चला नहीं। दोनों ने अपनी राहें जुदा कर लीं। उसके बाद से महिला अकेली थी।

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महिला की हत्या करके काट दिया गया था सिर

पुलिस के लिए सिरदर्द तब पैदा हुआ जब 2006 में कोरेगांव के फ्लैट में जर्मन महिला की लाश मिली। उसकी हत्या नृशंष तरीके से की गई थी। महिला के पास लिबर्टी अपार्टमेंट में दो फ्लैट थे। एक में वो रहती थी जबकि दूसरे को बेचना चाहती थी। 2005 के आखिर तक उसने फ्लैट को बेचने की मंशा से कई प्रापर्टी डीलरों से संपर्क साधा था। पुलिस को हत्या का पता तब चला जब महिला के दोस्त डॉ. फारुख वाडिया ने पुलिस को इत्तला दी कि 30 दिसंबर 2005 के बाद से उसका महिला से संपर्क नहीं हो पा रहा है। 7 जनवरी 2006 में पुलिस कॉरविनस के फ्लैट पर पहुंची तो होश उड़ गए। महिला का क्षत विक्षत शरीर फ्लैट के भीतर था। इस जघन्य हत्याकांड को देखकर पुलिस के भी होश उड़ गए। महिला का सिर काटा गया था।

मौके से पुलिस को मिला खून से सना 20 लाख का चेक

कुछ दिनों बाद पुलिस को मुंडवा-खरादी ब्रिज में नदी के भीतर महिला का सिर मिला। फ्लैट से पुलिस को जो साक्ष्य मिले उसमें एक 20 लाख का चेक था। उस पर खून लगा था। टेलीफोन वायर काटी हुई थी। पुलिस को शक था कि हत्या पैसे के लेनदेन में हुई। पुलिस ने अपनी जांच का दायरा रियल इस्टेट एजेंट के इर्द गिर्द रखा। ऐसे ही एक एजेंट इखलाक फकीर मोहम्मद शेख तक पुलिस पहुंची। उस समय उसकी उम्र 26 साल की थी।

पुलिस को सबसे खास चीज इखलाक में ये दिखी कि उसके हाथ पर काटने का निशान था। उससे सवाल किए गए पर वो कोई माकूल जवाब नहीं दे सका। पुलिस को लगा हो न हो ये निशान जर्मन महिला की हत्या से ताल्लुक रखता है। काटने के निशान की जांच कराई गई। उसके बाद महिला के दांतों से उसका मैच कराया गया तो इखलाक हत्थे चढ़ गया। सबसे खास बात थी कि कोर्ट में महिला के काटने का निशान सबसे अहम सुराग था। पुलिस ने इखलाक को अरेस्ट कर लिया। लेकिन कहानी यहीं पर खत्म नहीं हुई। यरवदा जेल से वो 14 दिनों की पैरोल पर बाहर आया तो फिर हाथ नहीं लगा। उसकी तलाश के लिए पुलिस ने तमाम हाथ पैर मारे। उसके बाद वो हत्थे चढ़ा। उसे फिर से कोर्ट में पेश किया गया।

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