'विपक्षी एकता का ब्रिज बिहार के निर्माणाधीन पुल की तरह ही ढहेगा', नीतीश पर चिराग का जोरदार प्रहार
लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने पटना में 23 जून को होने जा रही विपक्षी दलों के नेताओं की मेगा बैठक पर जोरदार प्रहार करते हुए कहा कि यह बैठक केवल दिखावा साबित होगा। इनकी कोई एकता नहीं रह पाएगी। कहा, "बिहार के सीएम जो एक पुल भी नहीं बना सकते हैं, विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं। यह एकता उसी तरह से टूट जाएगी जैसे भागलपुर में पुल टूट गया।"
चिराग ने कहा कि नीतीश कुमार जिस विपक्ष को एक करने की कोशिश कर रहे हैं, उसमें कई मुख्यमंत्री हैं और वो सब प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं। उसी का सपना देख रहे हैं। वे नीतीश कुमार को कभी भी पीएम के रूप में स्वीकार नहीं करेंगे। चिराग पासवान ने पूछा कि अब जब मुख्यमंत्री को बिहार के लोगों ने ही नकार दिया है तो वह देश के पीएम कैसे बन सकते हैं?
स्मृति ईरानी बोलीं- जो अपने पैरों पर खड़े नहीं हो पा रहे वे एक-दूसरे में सहारा ढूंढ रहे हैं
दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने भी इस एकता पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी विदेश जाकर भारत के लोकतंत्र पर अविश्वास जताते हैं और यहां वे मोहब्बत की बात करते हैं। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि जो विपक्षी दल अपने पैरों पर खड़ा होने में विफल रहे हैं वह एक दूसरे में सहारा ढूंढ रहे हैं।
उधर, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने गुरुवार को दावा किया कि भाजपा 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने से डरी हुई है, क्योंकि उसे वहां एकजुट विपक्ष का सामना करना पड़ सकता है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता यादव कुछ भाजपा नेताओं के बयान के बारे में पूछे गये सवाल का जवाब दे रहे थे। भाजपा नेताओं ने 23 जून को पटना में आयोजित विपक्षी दलों के सम्मेलन को कमतर पेश करने की कोशिश की है।
उन्होंने कहा, ‘‘ भाजपा यह तय नहीं करेगी कि विपक्षी सम्मेलन का क्या असर होगा। दरअसल वह लोकसभा चुनाव का सामना करने से डरी हुई है। वह हाल में हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में विधानसभा चुनाव हार गयी है। उसे राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली और हरियाणा जैसे राज्यों में एक के बाद एक हार दिखाई दे रही है।’’