Fact check: कोविड लॉकडाउन के दौरान मस्जिद के बाहर लोगों की पिटाई का पुराना वीडियो गलत दावे के साथ किया जा रहा वायरल
लाइटहाउस जर्नलिज्म को एक मस्जिद के बाहर पुलिस द्वारा लोगों की पिटाई का वीडियो मिला, जो सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि पुलिस द्वारा लोगों की पिटाई इसलिए की जा रही है, क्योंकि उन्हें पता है कि मस्जिदें आतंकवाद का स्रोत हैं। जांच के दौरान पता चला कि यह वीडियो 2020 की एक घटना का है, जब कोविड प्रतिबंध लागू किए गए थे। वायरल दावा भ्रामक है।
क्या है दावा?
X यूजर EliArz ने वीडियो वायरल दावे के साथ अपने प्रोफ़ाइल पर साझा किया.
अन्य उपयोगकर्ता भी इसी दावे के साथ वीडियो शेयर कर रहे हैं।
जांच पड़ताल:
हमने वीडियो डाउनलोड करके और उसे InVid टूल में अपलोड करके जांच शुरू की। हमने वीडियो से कई कीफ़्रेम प्राप्त किए और उसी पर रिवर्स इमेज सर्च चलाया।
इस प्रक्रिया ने हमें कुछ खबरों तक पहुँचाया, जिनमें व्यापक रूप से शेयर किए गए वीडियो में दिखाए गए दृश्य दिखाए गए थे।
26 मार्च, 2020 को livehindustan.com पर अपलोड की गई एक खबर में बताया गया कि पुलिस ने लॉकडाउन का उल्लंघन कर मस्जिद में नमाज पढ़ने पहुंचे लोगों की पिटाई की।
बताया जा रहा है कि यह घटना कर्नाटक के बेलगाम की है।
हमें द क्विंट में एक और खबर मिली।
![](https://www.jansatta.com/wp-content/uploads/2024/06/image_fbad97.png)
हमें लोकमत टाइम्स वेबसाइट पर वर्ष 2020 में प्रकाशित एक रिपोर्ट भी मिली।
![](https://www.jansatta.com/wp-content/uploads/2024/06/image_af0049.png)
रिपोर्ट में बताया गया है: देशव्यापी लॉकडाउन के बावजूद मस्जिद में नमाज़ पढ़ने गए लोगों को पुलिस ने पीटा। एक वीडियो में देखा जा सकता है कि नमाज़ पढ़कर निकल रहे लोगों को पुलिस ने डंडों से पीटा।
हमें यह खबर एएनआई की वेबसाइट पर भी मिली।
![](https://www.jansatta.com/wp-content/uploads/2024/06/image_7d4117.png)
हमें 26 मार्च, 2020 को ANI X हैंडल पर अपलोड किया गया घटना का वीडियो भी मिला।
कैप्शन में लिखा था: बेलगाम में #कोरोनावायरस लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर पुलिस ने लोगों की पिटाई की। यह घटना मस्जिद के बाहर हुई जब लोग नमाज़ अदा करके बाहर निकल रहे थे। #कर्नाटक
निष्कर्ष: मस्जिद में नमाज़ पढ़ने के लिए लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले लोगों की पुलिस द्वारा पिटाई का पुराना वीडियो गलत दावे के साथ हाल ही का बताकर वायरल किया जा रहा है। वायरल दावा भ्रामक है।