Delhi Floods: बाढ़ नियंत्रण को लेकर 2 साल से नहीं बुलाई गई बैठक? राजनिवास सूत्रों ने लगाया दिल्ली सरकार पर बड़ा आरोप
दिल्ली में यमुना का स्तर फिर से बढ़ने लगा है। इसी पहले दिल्ली का निचला हिस्सा पानी में पूरी तरह डूब गया। दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने केंद्र सरकार से सेना और एनडीआरएफ से मदद मांगी। बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत बचाव का काम जारी है। दिल्ली में बाढ़ के लिए केजरीवाल सरकार ने हरियाणा सरकार पर आरोप लगाते हुए उसे इसके लिए दोषी ठहराया है। दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हरियाणा की खट्टर सरकार ने जान बूझकर हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़कर यमुना नदी का जलस्तर बढ़ाया ताकि दिल्ली सरकार को बदनाम किया जा सके।
अब राज निवास के सूत्रों ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए बताया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बाढ़ नियंत्रण और तैयारी संबंधी शीर्ष समिति की बैठक 2 साल में एक बार भी नहीं बुलाई है। वही आम आदमी पार्टी सरकार ने राज निवास के इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि बाढ़ की तैयारियों को मद्देनज़र रखते हुए दिल्ली सरकार के मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज की अध्यक्षता में 9 मई को बैठक बुलाई गई थी। दिल्ली सरकार ने कहां कि बैठक के बाद बाढ़ नियंत्रण को लेकर दिशा निर्देश जारी किए थे।
राजनिवास ने लगाय आरोप?
राज निवास के सूत्रों ने दावा किया कि केजरीवाल सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देश आधे-अधूरे थे। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली राजधानी क्षेत्र में बाढ़ नियंत्रण उपायों की समीक्षा, सिफारिश, पर्यवेक्षण और समन्वय करने वाली शीर्ष समिति के अध्यक्ष दिल्ली के मुख्यमंत्री होते हैं। पिछले महीने जून के अंत में होने वाली बाढ़ समिति की अनिवार्य बैठक के लिए मुख्यमंत्री ने अनुमति नहीं दी। जबकि इस संबंध में मुख्यमंत्री को फाइल 19 जून को ही भेज दी गई थी। सूत्रों ने बताया कि पिछले 2 साल से अरविंद केजरीवाल बाढ़ नियंत्रण की बैठक नहीं होने दे रहे हैं।
कौन कौन होते हैं समिति के सदस्य?
दिल्ली के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली हाई लेवल बैठक में दिल्ली सरकार के सभी मंत्री, दिल्ली के सांसद, आम आदमी पार्टी के चार विधायक और दिल्ली के मुख्य सचिव के साथ दिल्ली विकास प्राधिकरण, भारतीय सेना के जीओसी और केंद्रीय जल आयोग के सदस्य शामिल होते है। हर साल मानसून शुरू होने से ठीक पहले बाढ़ नियंत्रण को लेकर हाई लेवल बैठक बुलाना अनिवार्य होता है। बारिश और बाढ़ का आंकलन करने के बाद तैयारियों को लेकर समीक्षा की जाती है लेकिन इस साल बैठक नहीं बुलाने के कारण बाढ़ को लेकर तैयारी नहीं हो पाई थी।
आप सरकार ने इन आरोपों को गलत ठहराते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सरकारी काम में व्यस्तता होने के कारण बैठैक में नहीं पहुंच पाए थे लेकिन उन्होंने सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण मंत्री सौरभ भारद्वाज और लोक निर्माण विभाग मंत्री आतिशी को निर्देश दिया था की वो बैठक की अध्यक्षता करें और नौ मई को सौरभ भारद्वाज और आतिशी ने सयुंक्त रूप से बैठैक की अध्यक्षता की थी। वहीं राज निवास के सूत्रों ने बताय कि आतिशी की अध्यक्षता में हुई बैठक में सीडब्ल्यूसी के प्रतिनिधियों को नहीं बुलाया गया था इसके अलावा मुख्य सचिव, पुलिस आयुक्त, एमसीडी आयुक्त, दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ को बैठक में नहीं बुलाया गया था।