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कांग्रेस पर हमला करने के लिए बीजेपी फिर क्यों कर रही आपातकाल की बात? जानें इसके पीछे की सियासी वजह

बीजेपी ने कांग्रेस पार्टी के खिलाफ आपातकाल के सबसे मजबूत हथियार को इस्तेमाल करना जारी रखा हुआ है।
Written by: ईएनएस
नई दिल्ली | June 25, 2024 19:33 IST
कांग्रेस पर हमला करने के लिए बीजेपी फिर क्यों कर रही आपातकाल की बात  जानें इसके पीछे की सियासी वजह
पीएम नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी। (इमेज-एक्सप्रेस आर्काइव/PTI)
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Emergency In India: लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्षी दलों ने बीजेपी पर संविधान को बदलने की कोशिश का आरोप लगाया था। इसके बाद अब भारतीय जनता पार्टी ने इमरजेंसी का मुद्दा उठाकर कांग्रेस पर हमला जारी रखा हुआ है। सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने आपातकाल का जिक्र करके 18वें सत्र की शुरुआत की। मंगलवार को पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार द्वारा आपातकाल लगाए जाने के 50 साल पूरे होने पर बीजेपी ने पूरे देश में कार्यक्रम आयोजित किए और इनके नेताओं ने कांग्रेस पार्टी को निशाने पर लिया।

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इमरजेंसी के आंदोलन में सबसे आगे रहने वाले कई नेता अब इंडिया अलायंस के साथ है। इसमें आरजेडी के लालू यादव भी शामिल हैं। अखिलेश यादव के पिता और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव आपातकाल के दौरान लालू यादव के साथ जेल गए थे। इसका मतलब यह है बीजेपी खुद को अकेली ऐसी पार्टी मानती है जो लगातार कांग्रेस का विरोध करती रही है। इसकी शुरुआत 1974-75 में इंदिरा गांधी के खिलाफ जेपी आंदोलन से हुई और आपातकाल लगाने तक हुई।

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कांग्रेस ने बार-बार आरएसएस पर यह आरोप लगाया है कि वह केवल हिंदुत्व के मुद्दे उठाता है, लेकिन कभी भी समाज के जरूरी मुद्दों को नहीं उठाता। पार्टी ने संघ पर यह भी आरोप लगाया कि आजादी में उसकी कोई भी भूमिका नहीं रही। वहीं, संघ के पास आजादी के आंदोलन में उसकी भागीदारी का पूरा इतिहास है। यहीं पर इमरजेंसी एक जवाब के रूप में सामने आता है। आरएसएस हो या जनसंघ या एबीपी सभी इसके खिलाफ सक्रिय है।

लालकृष्ण-अटल समेत कई नेता गए थे जेल

इन संगठनों के बहुत सारे नेता और कार्यकर्ता सलाखों के पीछे गए। इनमें लालकृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी और अरुण जेटली शामिल हैं। जनसंघ के नानाजी देशमुख जेपी आंदोलन के दौरान सबसे बहादुर सेनानियों में से एक थे। उन्होंने 1974 के आखिर में पटना में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान जयप्रकाश नारायण को बचाने के लिए लाठियां खाईं।

1975 में जेपी ने जनसंघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में हिस्सा लिया और मंच से कहा कि अगर जनसंघ फासीवादी है तो जय प्रकाश नारायण भी फासीवादी है। 1977 में इमरजेंसी हटने के बाद हुए इलेक्शन में जेपी आंदोलन में जनसंघ की भूमिका ने उसे भरपूर फायदा पहुंचाया। जनसंघ, ​​समाजवादियों, मोरारजी देसाई की कांग्रेस (O) और चौधरी चरण सिंह की भारतीय लोकदल के विलय से बनी जनता पार्टी सत्ता में आई और इसके नेता वाजपेयी, आडवाणी और ब्रजलाल वर्मा को केंद्र में जगह मिली और वे केंद्रीय मंत्री बने।

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यह पहली बार था कि आरएसएस से जुड़े नेता केंद्र सरकार में मंत्री थे। जनसंघ 1967 में कांग्रेस विरोधी रुख की वजह से कई राज्यों में एसवीडी सरकारों का हिस्सा रहा था। लेकिन केंद्र में मंत्री बनने के बाद संघ राजनीतक रूप से भी फल-फूल रहा था। कांग्रेस पार्टी ने 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य अभियान चलाया था और इसके बाद बांग्लादेश बना था। बीजेपी ने इमरजेंसी की ज्यादतियों को सामने लाकर कांग्रेस की पाकिस्तान पर जीत की चमक को धूमिल भी किया।

आपातकाल के सबसे मजबूत हथियार का इस्तेमाल करना बीजेपी ने जारी रखा

बीजेपी ने कांग्रेस पार्टी के खिलाफ आपातकाल के सबसे मजबूत हथियार को इस्तेमाल करना जारी रखा हुआ है। 19 महीने तक चला आपातकाल लोगों की स्वतंत्रता और संवैधानिक अधिकारों के सवाल पर कांग्रेस पर एक धब्बा बना हुआ है और बीजेपी ने इसका बार-बार इस्तेमाल कांग्रेस और गांधी परिवार के लिए किया है। मंगलवार को आपातकाल की 50वीं सालगिरह पर पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि जिस मानसिकता के कारण आपातकाल लगाया गया था, वह उसी पार्टी में बहुत ज्यादा जिंदा है जिसने इसे लगाया था। वे अपने दिखावे के जरिए संविधान के प्रति अपने तिरस्कार को छिपाते हैं, लेकिन भारत के लोगों ने उनकी हरकतों को समझ लिया है और इसीलिए उन्होंने उन्हें बार-बार नकार दिया है।

कांग्रेस पार्टी ने क्या कहा

कांग्रेस ने माना है कि आपातकाल लगाना एक सही फैसला नहीं था। मार्च 2021 में कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर कौशिक बसु के साथ बातचीत में राहुल गांधी ने कहा कि मुझे लगता है कि आपातकाल एक गलती थी और मेरी दादी इंदिरा गांधी ने भी यही कहा था। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने संस्थाओं पर कब्जा करने की कभी भी कोशिश नहीं की है। जैसा कि इस समय किया जा रहा है। विपक्ष का यह भी दावा है कि 1975 में इंदिरा गांधी सरकार के कदम के बिल्कुल उलटा मोदी सरकार के शासन में अघोषित आपातकाल लगा हुआ है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को एक्स पर पोस्ट कर कहा कि नरेंद्र मोदी देश भविष्य की ओर देख रहा है लेकिन आप अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए अतीत को कुरेदते रहते हैं। पिछले 10 सालों में आपने 140 करोड़ भारतीयों को यह एहसास कराया कि अघोषित आपातकाल क्या होता है, जिसने लोकतंत्र और संविधान को गहरा आघात पहुंचाया है।

वहीं, कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि आपातकाल हमें संविधान की रक्षा करने की याद दिलाता है। बिल्कुल सही। मैं यह भी कहना चाहूंगा कि संविधान ने लोगों को एक और आपातकाल को रोकने की याद दिलाई और उन्होंने भाजपा की महत्वाकांक्षाओं को कम करने के लिए वोट दिया। लोगों ने 18वीं लोकसभा के लिए इस तरह से वोट दिया कि कोई भी मानव या दैवीय शासक संविधान के मूल ढांचे को नहीं बदल सकता।

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