पाकिस्तान से कई लोगों की टीम क्यों पहुंची जम्मू-कश्मीर? चेनाब वैली में इन प्रोजेक्ट्स का करेंगे मुआयना, गंभीर है मामला
जम्मू-कश्मीर में स्थित दो पावर प्रोजेक्ट्स के निरीक्षण के लिए भारत और पाकिस्तान के सदस्यों वाली एक बड़ी टीम सोमवार को किश्तवाड़ पहुंची। अधिकारियों ने बताया कि इस टीम में न्यूट्रल एक्सपर्ट भी हैं और सोमवार को ही इन्होंने इंडस वाटर ट्रीटी के तहत आने वाले दो पावर प्रोजेक्ट्स का मुआयना शुरू कर दिया।
अधिकारियों ने बताया कि चालीस सदस्यों वाला एक डेलीगेशन रविवार शाम जम्मू पहुंचा। इन सभी लोगों ने आज (सोमवार) सुबह किश्तवाड़ के लिए उड़ान भरी, जहां ये चेनाब वैली रीजन में अंडर कंस्ट्रक्शन पावर प्रोजेक्ट्स का मुआयना करेंगे।
बता दें कि साल 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच पानी के बंटवारे के लिए इंडस वाटर ट्रीटी साइन की थी। पिछले पांच सालों में यह पहली बार है, जब पाकिस्तान से कोई डेलीगेशन इस समझौते के तहत भारत आया है।
नौ सालों की बातचीत के बाद बनी पानी के बंटवारे पर सहमति
भारत और पाकिस्तान के बीच इंडस वाटर ट्रीटी नौ सालों की बातचीत के बाद साइन की गई थी। वर्ल्ड बैंक भारत और पाकिस्तान के बीच हुए इस समझौते के हस्ताक्षरकर्ता है। यह दोनों देशों के बीच सहयोग और सूचना के आदान-प्रदान के लिए एक तंत्र स्थापित करता है।
PTI की रिपोर्ट के अनुसार, आखिरी बार जनवरी 2019 में पाकिस्तान के एक तीन सदस्यों वाली टीम ने पाकल दुल और लोअर कलना हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट्स का निरीक्षण करने भारत आई थी। इसके बाद दोनों देशों के रिश्ते बेहद खराब हो गए।
रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि आर्मी कैंप में लैंड करने के बाद प्रतिनिधिमंडल नेशनल हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन (NHPC) हेडक्वार्ट्स पहुंचा। यहां से वो डैम का मुआयना करे के लिए द्राबशल्ला में 85 MW रतले हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट साइट के लिए रवाना हो गए।अधिकारियों ने बताया कि डेलीगेशन चेनाब की सहायक नदी सरुसुदर पर मौजूद 1000 MW पाकल दुल हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट और किश्तवाड़ में मौजूद अन्य बिजी प्रोजेक्ट्स का भी मुआयना करेंगे।