कौन हैं युगेंद्र? बारामती में शरद पवार रच रहे नया 'चक्रव्यूह', अजित की राह होगी और मुश्किल
Who is Yugendra Pawar: बारामती लोकसभा सीट पर एनसीपी(शरद पवार) की बेटी सुप्रिया सुले और एनसीपी चीफ अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार के बीच बड़ा चुनावी दंगल देखने को मिला था। बारामती की इस जंग में सुप्रिया जीत गईं थी, और एक बार फिर शरद पवार के प्रति जनता का लगाव देखने को मिला था लेकिन अब बारामती की ही एक और जंग हो सकती है, जिसको लेकर शरद पवार एक मास्टर प्लान बना रहे हैं, जिसके केंद्र में एक नाम युगेंद्र पवार का है।
अजित पवार के लिए इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में युगेंद्र पवार चुनौती बन सकते हैं। कथित तौर पर जिन भतीजे अजित पवार ने चाचा शरद पवार को झटका देते हुए उनसे पार्टी हथिया ली है, उन्हीं अजित पवार को अब उनके छोटे भाई के बेटे, यानी अपने भतीजे से चुनौती मिल सकती है और अजित पवार की बारामती विधानसभा में उनके खिलाफ एनसीपी(शरद पवार) गुट से युगेंद्र उन्हें चुनावी टक्कर दे सकते हैं।
सुप्रिया सुले के लिए निभाई थी अहम भूमिका
सुप्रिया सुले को बारामती में लोकसभा चुनाव के दौरान अजित पवार की ही बारामती विधानसभा से काफी बढ़त मिली थी। अब दिलचस्प यह है कि यहां सुप्रिया सुले के लिए युगेंद्र पवार ने जमकर प्रचार किया था। ऐसे में यह भी संभव है कि एनसीपी (शरद पवार) अजित पवार के सामने युगेंद्र पवार को ही बारामती विधानसभा सीट से उतार दे। बता दें कि बारामती से अजित पवार 1991 से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं।
बता दें कि युगेंद्र अजीत के छोटे भाई श्रीनिवास के बेटे हैं, जो कि एक उद्योगपति हैं। इस बार बारामती में चुनाव परिणाम से यह स्पष्ट है कि उनका युगेंद्र ने खूब प्रभाव डाला है। 2019 के विधानसभा चुनाव में अजीत ने 1.95 लाख वोटों से निर्वाचन क्षेत्र जीता था। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में सुनेत्रा को बारामती विधानसभा से 96,000 वोट मिले। इसकी तुलना में सुले को 1.44 लाख वोट मिले थे।
बारामती में युगेंद्र ने बना लिया बड़ा जनाधार
युगेंद्र अपने परिवार द्वारा संचालित शारयू फाउंडेशन के माध्यम से सामाजिक कार्यों में शामिल रहे हैं। उन्होंन समय के साथ बारामती शहर में समर्थकों का एक नेटवर्क बना लिया है वे शरद पवार द्वारा स्थापित शैक्षणिक संस्थान विद्या प्रतिष्ठान के ट्रस्टी और कोषाध्यक्ष भी हैं और बारामती तालुका कुश्ती परिषद के प्रमुख भी हैं, जिसके माध्यम से उन्होंने दिसंबर 2023 में पवार के जन्मदिन पर बारामती में कुश्ती प्रतियोगिता आयोजित की थी।
युगेंद्र पवार ने हाल में कहा था कि मैं बारामती तालुका में काम कर रहा हूं और मुझे अभी बहुत कुछ सीखना है। लोकसभा चुनाव के दौरान मैं तालुका में बहुत सक्रिय था, क्योंकि एनसीपी (एसपी) प्रमुख की विचारधारा को चुनौती दी जा रही थी। जब भी ऐसी चुनौतियां आएंगी, मैं ऐसा करना जारी रखूंगा, लेकिन मैंने चुनाव लड़ने के बारे में नहीं सोचा है।"
समर्थक चाहते हैं कि चुनाव लड़ें युगेंद्र
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार युगेंद्र को एक मिलनसार नेता के रूप में जाना जाता है और वह अक्सर बारामती शहर में एनसीपी (एसपी) कार्यालय में पाए जाते हैं, जहां वह क्षेत्र के लोगों से मिलते हैं और उनकी मदद करते हैं। लोकसभा चुनावों तक युगेंद्र राजनीतिक हलकों में ज्यादा जाने-पहचाने नहीं थे, हालांकि वह बारामती और उसके आस-पास के इलाकों में शिक्षा, संस्कृति, स्वास्थ्य, खेल, कृषि और सिंचाई के क्षेत्र में काम कर रहे थे।
लोकसभा चुनाव के दौरान सुप्रिया सुले ने युगेंद्र की जमकर तारीफ की थी, क्योंकि वह पवार परिवार के एक प्रतिभाशाली और उच्च शिक्षित युवा सदस्य हैं। जब उनसे उनके समर्थकों की मांग के बारे में पूछा गया तो उनका कहना है कि युगेंद्र चुनाव लड़ें। उन्होंने कहा है कि लोकसभा में हमारे प्रदर्शन से उत्साहित कार्यकर्ताओं ने एनसीपी (एसपी) प्रमुख से मुझे बारामती विधानसभा से उम्मीदवार बनाने का अनुरोध किया, लेकिन हम पवार परिवार के भीतर कोई झगड़ा नहीं चाहते हैं और उम्मीद करते हैं कि विधानसभा चुनाव से पहले स्थिति बेहतर हो जाएगी।