VK Pandian Profile: कौन हैं वीके पांडियन? पूर्व IAS अधिकारी को क्यों माना जा रहा ओडिशा सीएम नवीन पटनायक का उत्तराधिकारी
Odisha Assembly Election 2024: ओडिशा में विधानसभा चुनाव के बीच वीके पांडियन के नाम को लेकर सबसे अधिक चर्चा हो रहा है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ काम करने और बीजू जनता दल में शामिल होने के लिए उन्होंने आईएएस की नौकरी छोड़ दी। फिलहाल वह पार्टी के मुख्य कैंपेनर और रणनीतिकार के रूप में काम कर रहे हैं। उनका नाम पार्टी के 40 स्टार कैंपेनर की लिस्ट में भी शामिल हैं। आखिर वीके पांडियन कौन हैं जिन्हें नवीन पटनायक के उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जा रहा है? इस रिपोर्ट में जानते हैं।
कौन हैं वीके पांडियन?
वीके पांडियन का पूरा नाम वी कार्तिकेय पांडियन है। उनका जन्म 25 मई 1974 को तमिलनाडु में हुआ था। वह अंग्रेजी और उड़िया के अलावा तमिल और हिंदी भी अच्छी तरह से बोल लेते हैं। इसके कारण वह राज्य में रहने वाले पूर्वी भारतीयों के बीच पैठ सुनिश्चित करने में मददगार साबित हो सकता है। 2000 बैच के आईएएस अधिकारी पांडियन ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निजी सचिव और ओडिशा सरकार के मुख्यमंत्री परिवर्तन और पहल के सचिव के रूप में कार्य किया।
वीके पांडियन ने कृषि में ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी की। इसके बाद उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान से मास्टर डिग्री हासिल की। 2000 में उनका चयन आईएएस के लिए हो गया। इसके बाद 2002 में वह कालाहांडी जिले के धर्मगढ़ के सब कलेक्टर नियुक्त हुए थे। 2005 में पहली बार मयूरभंज जिले के डीएम बने। इसके बाद उनका तबादला 2007 में सीएम के गृह जनपद गंजाम में हुआ था।
2007 में पांडियन को गंजम का डीएम बनाया गया था जो मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का गृह जनपद है। यहां अपने शानदार कार्यशैली की वजह से वह सीएम के विश्वासपात्र नौकरशाहों में शुमार हो गए थे। यहीं से पांडियन को सीधे 2011 में मुख्यमंत्री कार्यालय में पोस्टिंग मिली जिसके बाद से वह सीएम के निजी सचिव बने रहे हैं।
नवीन पटनायक ने 5T का बनाया था सचिव
2019 में जब नवीन पटनायक राज्य की 5वीं बार मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने ओडिशा के समग्र विकास के लिए 5T नाम से कल्याणकारी अभियान को लांच किया। इसकी कमान उन्होंने अपने सबसे भरोसेमंद अधिकारी पांडियन को सौंपी। उन्हें 5T का सचिव बनाया गया था। सचिव के पद पर नियुक्ति के बाद से ही पांडियन ने लोगों की सुविधाओं के लिए उनकी शिकायतें सुनने हेतु हेलीकॉप्टर का तूफानी इस्तेमाल किया और 190 बैठकें की। इससे वह विपक्ष के निशाने पर आए गए। वह 2023 तक इस पद पर रहे। इसके बाद पांडियन ने वॉलंटरी रिटायरमेंट ले ली थी।