Prajwal Revanna Case: क्या होता है ब्लू कॉर्नर नोटिस, जिसके जाल में बुरा फंस सकता है आरोपी प्रज्वल रेवन्ना
Prajwal Revanna Case: कर्नाटक की हासन लोकसभा सीट से सांसद और जेडीएस नेता प्रज्वल रेवन्ना पर अनेकों महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने का आरोप है। उन पर आरोप हैं कि वे देश छोड़ कर भाग गए हैं, वहीं कर्नाटक सरकार ने अश्लील वीडियो से जुड़े इस केस में रेवन्ना की तलाश तेज कर दी है और सरकार द्वारा गठित एसआईटी इस मामले में CBI से कहा है कि वह रेवन्ना की खोज में दूसरे देशों की भी मदद ले।
दरअसल, कर्नाटक सरकार द्वारा गठित SIT ने सीबीआई से अपील की है कि वह इंटरपोल से प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी करवाए। उम्मीद की जा रही है कि नोटिस जारी होने के बाद रेवन्ना के ठिकानों पर जांच एजेंसियों की पहुंच आसान हो सकती है।
बता दें कि इसको लेकर कर्नाटक के सीएम कार्यालय से एक प्रेस नोट भी जारी हुआ है. इसके अनुसार सीएम सिद्धरमैया ने एसआईटी अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसके दौरान उन्होंने निर्देश दिया कि प्रज्वल रेवन्ना को गिरफ्तार करने के लिए तत्काल कार्रवाई की जाए।
जल्द गिरफ्तारी की दिया आश्वासन
मुख्यमंत्री के साथ बैठक में ही अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई द्वारा ‘ब्लू कॉर्नर नोटिस’ जारी करने की संभावना है, जिससे जांच में तेजी आएगी। सीएम कार्यलय के प्रेस नोट में कहा गया कि एसआईटी अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि हवाई अड्डों से सूचना मिलते ही वे आरोपी को गिरफ्तार कर वापस ले आएंगे।
SIT को भी है ब्लू कॉर्नर नोटिस से उम्मीद
जानकारी के मुताबिक सीबीआई द्वारा ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी करने पर एसआईटी को प्रज्वल रेवन्ना के ठिकाने के बारे में आसानी से डिटेल्स मिल सकती है। बता दें कि रेवन्ना पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के पोते हैं और बीजेपी-जद(एस) गठबंधन के उम्मीदवार थे, जहां 26 अप्रैल को वोटिंग हो चुकी है।
क्या होता है ब्लू कॉर्नर नोटिस?
ब्लू कॉर्नर नोटिस के बारे में बता दें कि किसी अपराधी के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस इंटरपोल के जरिए जारी कराया जाता है। यह नोटिस किसी भी वारदात से संबंधित व्यक्ति की पहचान, स्थान या उसकी गतिविधियों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए जारी कराया जाता है। बता दें कि इंटर पोल के नोटिस सात प्रकार के होते हैं, जो कि अलग-अलग रंगों के नाम से जाने जाते हैं।
रेड कॉर्नर नोटिस: अभियोजन या सज़ा काटने के लिए वांछित व्यक्तियों के ठिकानों और गिरफ्तारी की तलाश के लिए यह नोटिस जारी होता है।
येलो कॉर्नर नोटिस: लापता व्यक्तियों, अक्सर नाबालिगों का पता लगाने में मदद करने के लिए, ऐसे लोगों की मदद के लिए जारी किया जाता है जो कि असहाय होते हैं।
ब्लू कॉर्नर नोटिस: यह नोटिस आपराधिक जांच के संबंध में किसी व्यक्ति की पहचान, उसके ठिकाने और गतिविधियों के बारे में जानने के लिए जारी होता है।
ब्लैक नोटिस: अज्ञात शवों के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए ब्लैक नोटिस जारी होता है।
ग्रीन नोटिस: किसी व्यक्ति की आपराधिक गतिविधियों के बारे में चेतावनी देने के लिए यह नोटिस जारी किया जाता है।
ऑरेंज कॉर्नर नोटिस : सार्वजनिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरनाक साबित होने वाले लोगों या वस्तु के लिए यह नोटिस जारी होता है।
पर्पल नोटिस: अपराधियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले तौर-तरीकों, वस्तुओं, उपकरणों और छिपने के तरीकों के बारे में जानकारी के लिए यह नोटिस जारी होता है।