Amritpal Singh News: अमृतपाल सिंह की मां बलविंदर कौर को पंजाब पुलिस ने किया गिरफ्तार, जानिए क्या है पूरा मामला
Amritpal Singh News: पंजाब में ‘वारिस पंजाब दे’ प्रमुख और खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह को असम की जेल से पंजाब की जेल में स्थानांतरित करने की मांग को लेकर प्रस्तावित मार्च से एक दिन पहले रविवार को उसकी मां बलविंदर कौर को गिरफ्तार कर लिया गया। अमृतपाल सिंह को पिछले साल अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था। उसके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाया गया था। अमृतपाल सिंह और उसके नौ साथी इस समय असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं।
पुलिस उपायुक्त आलम विजय सिंह ने रविवार को बताया कि अमृतपाल सिंह की मां बलविंदर कौर को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। डीसीपी ने कहा कि उन्हें एहतियातन हिरासत में लिया गया है। अधिकारी ने इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी।
करीब एक महीने पहले कट्टरपंथी संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के चीफ और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह और उसके नौ सहयोगियों के खिलाफ सुरक्षा चूक मामले में असम पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की थी। असम पुलिस ने इस मामले में डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल के अधीक्षक निपेन दास को गिरफ्तार किया था। इतना ही नहीं निपेन दास पर यूएपीए (UAPA) के तहत कार्रवाई की गई थी। इसके अलावा आपराधिक साजिश रचने, असम प्रिजनर्स एक्ट के तहत उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
इस मामले में डिब्रूगढ़ जेल के एडिशनल सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (क्राइम) सिजल अग्रवाल ने बताया था यह मामला सुरक्षा चूक से जुड़ा है, जो पिछले महीने सामने आया था। उन्होंने कहा था कि कई राउंड की जांच के बाद हमने निपेन दास को गिरफ्तार किया। यहां नेशनल सिक्योरिटी से जुड़ा मसला है। वो जेल के चीफ थे। ऐसे में सुरक्षा चूक की जिम्मेदारी उनकी ही बनती है।
बता दें, पंजाब पुलिस ने कई हफ्तों की तलाश के बाद 23 अप्रैल, 2023 को अमृतपाल सिंह को राज्य के मोगा जिले से गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसको डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल लाया गया था। अलगाववादी अमृतपाल पर कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम यानी एनएसए के तहत कार्रवाई की गई है। उसके नौ सहयोगियों पर भी एनएसए के तहत आरोप लगाए गए हैं। असम की डिब्रूगढ़ जेल 1859-60 में बनी थी। यह पूर्वोत्तर की सबसे पुरानी और सबसे हाई सिक्योरिटी वाली जेलों में से एक है।
भिंडरावाले से क्यों होती है अमृतपाल की तुलना?
अमृतपाल को उसके समर्थक जरनैल सिंह भिंडरावाले 2.0 कहते हैं। कारण यह कि वो भी उनकी ही तरह सिखों के लिए अलग देश खालिस्तान की मांग कर रहा है। 1980 में भिंडरावाले ने भी सिखों के लिए उक्त मांग उठाई थी, जिससे राज्य भर में खलबली मच गई थी। सिंह भिंडरावाले के तरह भारी पगड़ी बांधता है और भड़काऊ भाषण देता है, जो युवाओं में जोश भर देता है।
भड़काऊ भाषण देने के साथ ही अमृतपाल में राजनीतिक समझ भी है। इसका प्रमाण मिलता है उसके कार्यक्रम के लिए चुनी गई जगह से। 29 सितंबर, 2022 को ‘वारिस दे पंजाब की पहली वर्षगांठ पर मोगा जिले के रोडे गांव में बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसी कार्यक्रम के दौरान अमृतपाल को संगठन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। माना जाता है कि जगह का चयन काफी रणनीतिक था क्योंकि रोडे भिंडरावाले का पैतृक गांव था। वो भी उसकी तरह नीली पगड़ी पहनता है और अपने पास छोटी कृपाण रखता है।
10 फरवरी, 2023 को ब्रिटेन की NRI लड़की से की थी शादी
अमृतपाल सिंह आतंकवादी भिंडरावाले का अनुयायी होने का दावा करता है। अमृतपाल की शादी हो चुकी है। इसी साल 10 फरवरी, 2023 को उसने अपने पैतृक गांव में एक समारोह के दौरान ब्रिटेन की रहने वाली एनआरआई लड़की किरणदीप से शादी की थी। किरणदीप मूल रूप से जालंधर के कुलारां गांव की हैं, लेकिन कुछ समय पहले उनका परिवार इंग्लैंड में बस गया था।
12वीं तक पढ़ा-लिखा है अमृतपाल
अमृतपाल मूल निवासी पंजाब के जल्लूपुर गांव का रहने वाला है। उसने गांव के स्कूल से ही 12वीं तक की पढ़ाई की है। साल 2012 में वो दुबई चल गया। वहां उसने ट्रांसपोर्ट का कारोबार किया। उसके अधिकतर रिश्तेदार दुबई में ही रहते हैं। पंजाब के शिवसेना नेता सुधीर सूरी हत्याकांड में भी उसका नाम सामने आया था। पीड़ित परिजनों ने पूरे मामले में अमृतपाल का भी नाम जोड़ने की पुलिस से अपील की थी। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उसे सिंगावाला गांव में नजरबंद किया था।