लोकसभा चुनाव के बाद बंगाल की सियासत में फिर ट्विस्ट! CM ममता बनर्जी ने BJP सांसद से कूचबिहार में की मुलाकात
Mamata Banerjee Meets BJP MP: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कूचबिहार की अपनी यात्रा के दौरान भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राज्यसभा सांसद नागेंद्र नाथ रॉय, जिन्हें अनंत महाराज के नाम से जाना जाता है, से मुलाकात की। यह मुलाकात लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद में हुई है। ममता और बीजेपी सांसद की इस मुलाकात ने सियासी गलियारों में हलचल पैदा कर रही है।
टीएमसी की मुखिया ममता बनर्जी का दौरा इसलिए भी जरुरी बताया जा रहा है क्योंकि अनंत महाराज ने बीजेपी के खिलाफ बागी तेवर अपना लिए थे। भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री निसिथ प्रमाणिक को कूचबिहार से लोकसभा चुनाव का उम्मीदवार घोषित किया था। महाराज ने कहा था कि प्रत्याशी का ऐलान करने से पहले पार्टी ने उनसे इस विषय में कोई चर्चा नहीं की। बनर्जी की कूचबिहार यात्रा सिलीगुड़ी के नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के दौरे के बाद हुई है। यहां पर उन्होंने कचनजंगा एक्सप्रेस हादसे के पीड़ितों से मुलाकात की थी। वह सोमवार शाम को कूचबिहार पहुंचीं।
टीएमसी ने छीनी कूचबिहार लोकसभा सीट
टीएमसी ने निसिथ प्रमाणिक को करीब 40,000 वोटों से हराकर भाजपा से कूचबिहार लोकसभा सीट छीन ली। हालांकि, राज्य भाजपा ने अभी तक इस मुलाकात पर किसी भी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। रॉय भी खुद इस मीटिंग को लेकर बिल्कुल अनजान थे। मीटिंग के बाद अनंत महाराज ने मीडिया से बातचीत में कहा कि देखते हैं कि भविष्य में क्या होता है।
राजबंशी समुदाय की आबादी मतुआ के बाद सबसे ज्यादा
खुद को ग्रेटर कूचबिहार का महाराज बताने वाले अनंत को बीजेपी ने एक साल पहले ही पश्चिम बंगाल से राज्यसभा भेजा था। अनंत पश्चिम बंगाल से भाजपा के टिकट पर राज्यसभा पहुंचने वाले पहले नेता भी हैं। पश्चिम बंगाल में एससी कैटेगरी की कुल आबादी में करीब 18 फीसदी है। इसमें राजबंशी समुदाय की भी काफी अहम भूमिका है। सियासी पहलू से देखें तो उत्तर बंगाल के पांच जिलों में करीब 20 विधानसभा सीटों में राजबंशी समुदाय के वोटरों की भी खासी पैठ है। उत्तर बिहार में कूचबिहार की लोकसभा सीट भी आती है। इस सीट पर साल 2019 में बीजेपी ने कब्जा जमाया था। वहीं, इस बार वह यह सीट हार गई।