Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से सरिस्का टाइगर रिजर्व में बंद हो गईं 68 खदानें, लगाई फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के सरिस्का टाइगर रिजर्व के आसपास खनन की सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी है। कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने क्रिटिकल टाइगर रिजर्व के एक किलोमीटर के दायरे में सभी गतिविधियों पर रोक लगाने का आदेश किया है। इस मामले में पीठ में शामिल जस्टिस एसवीएन भट्टी और जस्टिस संदीप मेहता ने कहा कि सरिस्का टाइगर रिजर्व खनन मामले में संज्ञान लेते हुए फैसला दिया। इस इलाके में 110 खदानें काम कर रही हैं।
68 खदानों पर लगी रोक
सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश एएसजी ऐश्वर्य भाटी ने कहा कि 110 में से सिर्फ 68 खदानें सक्रिय हैं और बाकी को बंद हैं। कोर्ट ने सरिस्का क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट (CTH) के आसपास खदान की गतिविधियों को लेकर राजस्थान सरकार के रवैये पर भी नाराजगी जाहिर की। बेंच ने कहा कि हमारा फैसला साफ है।
टाइगर रिजर्व नेशनल पार्क या सेंचुरी की तुलना में ज्यादा ऊंचे स्थान पर है। जो भी सुरक्षा नेशनल पार्क या सेंचुरी को दी जाती है, वो अपने आप ही टाइगर रिजर्व पर लागू होती है, जिसे पहले ही अतिरिक्त सुरक्षा की जरूरत है।
मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस गवई की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि जो भी गतिविधियां टाइगर रिजर्व के बफर जोन में जारी हैं, उन्हें कहीं और शिफ्ट करना होगा। उन्होंने कहा कि तड़ोबा और मेलघाट टाइगर रिजर्व इसका उदाहरण है जहां के सभी गांवों को शिफ्ट कर दिया गया है। अदालत ने कहा, 'CTH के एक किमी दायरे में खदानों की गतिविधियां कैसे हो सकती है?'
उन्होंने कहा, 'सुरक्षित किए गए स्थानों के एक किलोमीटर के भीतर कोई भी गतिविधि नहीं हो सकती है। इस मामले में CTH बफर जोन है, जिसे सरिस्का टाइगर रिजर्व को सुरक्षित करने के लिए बनाया गया है।' भाटी ने कोर्ट को बताया है कि राज्य ने पहले ही सरिस्का वाइल्डलाइफ सेंचुरी के क्षेत्र का विस्तार किया है और सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
इनपुट-एजेंसी