होमताजा खबरराष्ट्रीयमनोरंजन
राज्य | उत्तर प्रदेशउत्तराखंडझारखंडछत्तीसगढ़मध्य प्रदेशमहाराष्ट्रपंजाबनई दिल्लीराजस्थानबिहारहिमाचल प्रदेशहरियाणामणिपुरपश्चिम बंगालत्रिपुरातेलंगानाजम्मू-कश्मीरगुजरातकर्नाटकओडिशाआंध्र प्रदेशतमिलनाडु
वेब स्टोरीवीडियोआस्थालाइफस्टाइलहेल्थटेक्नोलॉजीएजुकेशनपॉडकास्टई-पेपर

पूरी दुनिया को 10 साल पुराना चावल क्यों चिपकाना चाहता थाईलैंड? नीयत में खोट या कुछ और

असल में थाईलैंड के पास इतना सारा चावल इकट्ठा हो चुका है कि कोई उसे खरीदने को तैयार नहीं हो रहा। इसके ऊपर वो चावल क्योंकि10 साल पुराना है, ऐसे में उसकी गुणवक्ता को लेकर संशय चल रहा है।
Written by: न्यूज डेस्क | Edited By: Sudhanshu Maheshwari
नई दिल्ली | Updated: June 27, 2024 01:51 IST
थाईलैंड में नई समस्या ने पकड़ा जोर
Advertisement

थाईलैंड चावल निर्यात के मामले में दूसरे नंबर पर रहता है, ज्यादातर अफ्रीकी देशों में तो थाईलैंड चावल पहुंचाने का काम करता है। लेकिन इस बार थाईलैंड एक अलग ही असमंजस की स्थिति में फंस चुका है, अफ्रीका में ही उसके चावल की किरकिरी हो रही है, सवाल उठ रहे हैं कि क्या अफ्रीका को डस्टबिन समझ रखा है। सवाल इसलिए क्योंकि थाईलैंड इस समय अपना 10 साल पुराना चावल दुनिया को चिपकाना चाहता है।

आखिर यह पूरा माजरा क्या है?

असल में थाईलैंड के पास इतना सारा चावल इकट्ठा हो चुका है कि कोई उसे खरीदने को तैयार नहीं हो रहा। इसके ऊपर वो चावल क्योंकि10 साल पुराना है, ऐसे में उसकी गुणवक्ता को लेकर संशय चल रहा है। ऐसा कहा जरूर जाता है कि पुराना चावल ज्यादा अच्छा होता है, उसकी खुशबू ज्यादा सही रहती है, लेकिन यहां क्योंकि चावल 10 साल पुराना है, इसी वजह से हर कोई कई सवाल लेकर थाईलैंड पर हावी हो चुका है।

Advertisement

अब इन 10 साल पुराने चावल की कहानी थाईलैंड की पिछली सरकार से शुरू होती है। असल में 2011 में किसानों को खुश करने के लिए तब के पीएम यंग लिक शिनावात्रा ने एक नई योजना का ऐलान किया। उस योजना के तहत किसानों से मार्केट रेट से ज्यादा दर पर 540 लाख टन से ज्यादा चावल खरीदा गया। अब इस वजह से किसानों को फायदा हुआ, उन्हें ज्यादा पैसा मिला, लेकिन स्कीम का साइड इफेक्ट यह रहा कि चावल बहुत महंगा हो गया। उसके दाम आसमान पर पहुंच गए और आम जनता उसकी खपत नहीं कर पाई।

Advertisement

लोग क्यों नाराज हो गए हैं?

उस समय थाईलैंड की सरकार ने दो गोदामों में अपने सारे चावल को स्टोर किया। उसे विश्वास था कि उसका चावल बिक जाएगा, लेकिन उसके विपरीत वो चावल वहीं पड़ा रह गया। इसका सबसे बड़ा कारण यह था कि लोगों के मन में चावल की गुणवक्ता को लेकर सवाल बैठ गए थे। पुराना चावल अच्छा होता है, लेकिन 10 साल पुराना क्या खराब? इसी बात पर बहस छिड़ गई और नुकसान थाईलैंड को भुगतना पड़ा।

एक बड़ा दांव, बदलेगी स्थिति?

अब उस नेरेटिव से लड़ने के लिए थाईलैंड के वाणिज्य मंत्री फमथाम वेचायाचाई ने खुद उस चावल का सेवन किया, तमाम अधिकारियों और मीडिया चैनलों को न्योता दिया। उन सभी चावल की बोरी खोलने का मौका तक दिया गया, जोर देकर कहा गया कि सभी चावल की क्वालिटी चेक कर सकते हैं। इस बात की भी जानकारी दी गई कि जब इस चावल को लेबोरेट्री में चेक किया गया था तो उसमें कोई केमिकल नहीं पाया गया।

अभी के लिए थाईलैंड में चावल की बिक्री के लिए एक कमेटी का गठन किया जा रहा है। उस कमेटी की जिम्मेदारी रहेगी कि पूरी पारदर्शिता के साथ इस पूरी प्रक्रिया को अंजाम तक पहुंचाया जाए।

Advertisement
Tags :
Thailand
विजुअल स्टोरीज
Advertisement
Jansatta.com पर पढ़े ताज़ा एजुकेशन समाचार (Education News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए जनसत्ता की हिंदी समाचार ऐप डाउनलोड करके अपने समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं ।
Advertisement