पंकजा मुंडे की हार को नहीं पचा पा रहे समर्थक, अब तक 4 ने की आत्महत्या
Pankaja Munde: भाजपा नेता पंकजा मुंडे ने मंगलवार को कहा कि अगर वो लोकसभा चुनाव 2024 जीत जातीं तो उन्हें हीरो माना जाता, लेकिन कुछ लोगों को यह पसंद नहीं आता। महाराष्ट्र के लातूर जिले में मीडिया से बात करते हुए भाजपा की राष्ट्रीय सचिव ने कहा कि उनके समर्थक उनके अनिश्चित भविष्य को लेकर चिंतित हैं ।
हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में मुंडे बीड लोकसभा सीट पर एनसीपी (सपा) के बजरंग सोनावणे से 6,553 मतों के मामूली अंतर से हार गई थीं।
भाजपा नेता ने कहा, "मुझे 6.7 लाख वोट मिले। अगर मैं जीत जाती तो मुझे हीरो माना जाता। लेकिन कुछ लोगों को यह पसंद नहीं आया।" मुंडे ने आगे कहा कि 2019 का चुनाव हारने के बाद उन्हें पांच साल के “वनवास” का सामना करना पड़ा और इस हार के साथ, उनके समर्थक उनके भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
उन्होंने कहा, "मैंने अपने लिए चुनाव नहीं लड़ा। जब तक पार्टी ने मेरी उम्मीदवारी घोषित नहीं की, मुझे नहीं पता था कि मैं चुनाव लड़ूंगी।"
मुंडे ने अपने समर्थकों से अपील करते हुए कहा कि वह आगामी राज्य विधानसभा चुनावों के बाद अपना अगला कदम तय करेंगी।
बता दें, पंकजा मुंडे की हार के बाद मराठवाड़ा में चार लोगों ने आत्महत्या कर ली। बीजेपी नेता की हार से आहत होकर आत्महत्या करने वालों में 22 साल का छात्र भी शामिल है जो नौकरी न मिलने से परेशान था।
इस बारे में जानकारी मिलने के बाद पंकजा खुद मंगलवार को आत्महत्या करने वाले युवक के घर पहुंचीं और उनके परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने लोगों के ऐसे कदम न उठाने के अपील की और कहा कि अगर कोई और ऐसा (आत्महत्या) करेगा तो वह राजनीति को छोड़ देंगी। इससे पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लोगों से आत्महत्या न करने की अपील की थी।
4 जून को चुनाव नतीजों में बीजेपी नेता पंकजा मुंडे महाविकास अघाड़ी के प्रत्याशी बजरंग सोनवणे से महज 6000 से अधिक वोटों से हार गईं थीं। पंकजा की हार से आहत उनके चार समर्थकों ने आत्महत्या कर ली। आत्महत्या करने वाले युवक का नाम गणेश उर्फ हरिभाऊ भाऊसाहेब है। गणेश से पहले लातूर के रहने वाले 30 वर्षीय सचिन कोंडीबा मुंडे, पांडुरंग रामभाऊ सोनवणे, पोपट वैभसे ने आत्महत्या कर ली थी।
मृतक पांडुरंग सोनावणे के भाई ने कहा, "हार के बाद पांडुरंग बहुत अजीब व्यवहार कर रहे थे। वह कहते रहे कि उनके शरीर में दर्द हो रहा है और वह ठीक महसूस नहीं कर रहे हैं। हमने उन्हें अस्पताल में भी भर्ती कराया। डॉक्टरों को पता नहीं चल पाया कि उनके साथ क्या हो रहा है। वह बार-बार बोल रहे थे कि पार्टी की मीटिंग है और पंकजा ताई उससे मिलने आ रही हैं। 9 जून को जब वह सुबह खेत पर गए तो पेड़ से लटककर आत्महत्या कर ली।
उनके पास के एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ। सुसाइड नोट पांडुरंग ने लिखा, मैं पांडुरंग सोनावणे, मेरी पंकजा ताई साहब चुनाव हार गई। मैं इसे बर्दाश्त नहीं कर सकता और इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं।
मैं खुद इस घटना से दुखी हूं
बीजेपी नेता पंकजा मुंडे ने युवक के परिजनों से मिलने के बाद कहा कि मेरा मानना है। किसी को भी किसी नेता से इतना प्यार नहीं करना चाहिए कि वो उसके लिए अपनी जान दे दे। अगर आपको साहस से लड़ने वाला नेता चाहिए तो मुझे भी साहस से लड़ने वाला कार्यकर्ता चाहिए। अब अगर किसी ने भी आत्महत्या की तो मैं राजनीति छोड़ दूंगी, क्योंकि मुझे लगता है कि राजनीति के कारण ऐसा हो रहा है। मैं हारी हुई नहीं हूं, लेकिन इस तरह की चीजें मुझे झकझोर देती हैं। मैं खुद इस घटना से बहुत परेशान हूं।
पंकजा मुंडे सोमवार को आत्महत्या करने वाले समर्थक के घर पहुंचीं, जहां उन्होंने समर्थक के परिजनों से मुलाकात की। परिजनों से मिलने के बाद वह (पंकजा) फूट-फूट कर रोने लगी। उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहा है।