'जय फिलिस्तीन' का नारा ओवैसी को पड़ेगा भारी?राष्ट्रपति मुर्मू को कर दी गई शिकायत
18वीं लोकसभा की शुरुआत हो चुकी है, उम्मीद के मुताबिक थोड़ा बवाल भी देखने को मिला है। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने जब संसद में शपथ ली, उनकी तरफ से 'जय फिलिस्तीन' का नारा लगा दिया गया। उस नारे की वजह से काफी विवाद बढ़ चुका है, कहा जा रहा है कि उन्होंने देश की संसद में एक विदेशी समस्या के प्रति अपना समर्थन जारी किया है। इसे नियम के विरोध भी बताया गया है।
शिकायत में क्या कहा गया?
अब इसी कड़ी में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास शिकायत पहुंच गई है, यह कंम्पलेन एडवोकेट विष्णु शंकर जैन द्वारा की गई है। एक्स पर लिखी पोस्ट में जैन ने कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 102 और 103 के संदर्भ में ओवैसी के खिलाफ एक शिकायत दर्ज करवाई गई है। मांग की गई है कि उन्हें संसद के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया जाए। उनका तर्क रहा है कि ओवैसी ने एक विदेशी देश और उनके मुद्दे के प्रति अपनी निष्ठा जाहिर की है, इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
ओवैसी ने विवाद पर क्या बोला?
वैसे बड़ी बात यह है कि संसद के रिकॉर्ड से भी इस नारे को हटा दिया गया है, बीजेपी ने तो माफी की मांग भी कर दी है। लेकिन ओवैसी अपने बयान पर पूरी मजबूती के साथ कायम हैं। उनकी तरफ से जोर देकर कहा गया है कि जय फिलिस्तीन का नारा लगाना किस तरह से संविधान के खिलाफ हो सकता है, कौन से प्रावधान में इस बात का जिक्र है। वैसे यह कोई पहली बार नहीं है जब ओवैसी अपने बयान की वजह से विवाद में फंसे हों। उनकी तरफ से कई मौकों पर ऐसे बयान दिए जा चुके हैं, उनकी विचारधारा को हर बार बीजेपी ने देश विरोधी करार दिया है।
कई बार विवाद में फंसे ओवैसी
कुछ साल पहले ही जब आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि नई पीढ़ी को भारत की शान में नारे लगाने का पाठ पढ़ाया जाना चाहिए। जिसके जवाब में असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि वो कभी ‘भारत माता की जय नहीं बोलेंगे भले भी उनकी गर्दन पर कोई छुरी क्यों न रख दे’।
कुछ समय पहले ही असदुद्दीन ओवैसी ने पुलिस तक को धमकी दे दी थी। उन्होंने कहा कि पुलिस के लोग ये याद रखें कि हमेशा योगी सीएम और मोदी पीएम नहीं रहेंगे और हम मुसलमान वक्त के तीमार से खामोश जरूर हैं, मगर तुम्हारे जुल्म को भूलने वाले नहीं हैं। हम तुम्हारे जुल्म को याद रखेंगे।