ऑपरेशन ब्लू स्टार अभियान किस पार्टी को पहुंचाएगा फायदा? अकाली दल ने वोटरों को याद दिलाया 1984 का दंगा
Operation Blue Star Punjab Campaign: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (SAD)) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की रैलियों में एक प्रमुख पोस्टर हर जगह मौजूद है। इसमें ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद स्वर्ण मंदिर में क्षतिग्रस्त हुए अकाल तख्त की तस्वीर है, जिसमें बादल मतदाताओं से अपील कर रहे हैं कि वे 1 जून को मतदान करते समय याद रखें कि "कांग्रेस ने 1984 में क्या किया था"।
पूरे राज्य में इसी प्रकार के बड़े-बड़े पोस्टर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ((SGPC) द्वारा लगाए गए हैं। यह सिखों की सर्वोच्च निर्वाचित संस्था है, जिस पर अकाली दल का नियंत्रण है। पार्टी अपनी पंथिक राजनीति को मजबूत करने के लिए इस तथ्य का लाभ उठाने की कोशिश कर रही है कि 1 जून ऑपरेशन ब्लू स्टार की 40वीं वर्षगांठ के साथ मेल खाता है - यह ऑपरेशन ब्लू स्टार सिखों के पवित्र तीर्थस्थल को खाली कराने के लिए सेना की विवादास्पद कार्रवाई थी।
हालांकि पोस्टरों का मुख्य लक्ष्य कांग्रेस है, क्योंकि ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान इंदिरा गांधी के नेतृत्व में केंद्र में सरकार थी, जो 1 जून से 6 जून, 1984 तक चली थी - लेकिन अगर यह कहानी जोर पकड़ती है तो आम आदमी पार्टी (AAP) और SAD को भी कुछ सीटों पर वोटों का नुकसान हो सकता है।
जिन निर्वाचन क्षेत्रों के नतीजे प्रभावित हो सकते हैं, वे हैं फरीदकोट, संगरूर और खडूर साहिब और कुछ हद तक बठिंडा सीट भी शामिल है। स्वर्ण मंदिर अभियान को लेकर इंदिरा गांधी के हत्यारों में से एक बेअंत सिंह के बेटे फरीदकोट में उम्मीदवार हैं। संगरूर में कट्टरपंथी शिअद (ए) नेता सिमरनजीत सिंह मान मौजूदा सांसद हैं और फिर से मैदान में हैं। खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह, जो असम की डिब्रूगढ़ जेल में एनएसए के तहत बंद हैं, वो खडूर साहिब से उम्मीदवारों में से एक हैं; जबकि गैंगस्टर से कार्यकर्ता बने लाखा सिधाना बठिंडा से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं।
फरीदकोट शहर में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के एक पोस्टर में कहा गया है, “1 जून से 6 जून तक तत्कालीन कांग्रेस सरकार का हमला… न भूलने योग्य, न बख्शने योग्य ।”
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के सचिव प्रताप सिंह ने बताया कि अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट फरीदकोट में 100 से ज़्यादा ऐसे पोस्टर लगे हैं। वो कहते हैं कि हर जिले में कम से कम 50 ऐसे पोस्टर लगे हैं, या इससे ज़्यादा।
ऑपरेशन ब्लू स्टार का चुनावी मुद्दे के रूप में उभरना एक बदलाव है, क्योंकि राज्य में भाजपा के साथ अकाली दल के तीन दशक पुराने गठबंधन के मद्देनजर एसजीपीसी ने जानबूझकर इस वर्षगांठ को कम महत्व दिया है। अकाली दल का शीर्ष नेतृत्व आमतौर पर ऑपरेशन के उपलक्ष्य में अकाल तख्त पर आयोजित 6 जून के वार्षिक कार्यक्रम से भी दूर रहता था।
इस साल, राज्य भर में पोस्टरों के अलावा, एसजीपीसी ने अपने प्रवेश द्वार पर क्षतिग्रस्त अकाल तख्त भवन का एक मॉडल लगाया है, ताकि स्वर्ण मंदिर में आने वाले हर आगंतुक को यह पहली चीज़ दिखे। मॉडल को मूल रूप से स्वर्ण मंदिर परिसर में ऑपरेशन ब्लू स्टार के “शहीदों” के लिए नवनिर्मित ‘शहीदी गैलरी’ में रखा गया था।
अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार रघबीर सिंह और एसजीपीसी ने सिखों से ऑपरेशन ब्लू स्टार के प्रति अपना विरोध जताने के लिए 4 जून से 6 जून तक काली पगड़ी या दुपट्टा पहनने को कहा है। साथ ही गुरुद्वारों में क्षतिग्रस्त अकाल तख्त भवन और 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए सिख विरोधी दंगों की फोटो प्रदर्शनी लगाने को कहा है।
मीडिया को दिए बयान में जत्थेदार रघबीर सिंह ने कहा, "देश और विदेश के हर गुरुद्वारा साहिब में समारोह आयोजित किए जाने चाहिए और लोगों को जून 1984 के घल्लूघारा (नरसंहार) के इतिहास से अवगत कराया जाना चाहिए।"
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने भी इसी तरह का बयान जारी किया है। उन्होंने सिख समुदाय पर हुए अत्याचारों को याद करने के लिए समारोह आयोजित करने का आह्वान किया।
ऑपरेशन ब्लू स्टार पर फोकस के बारे में पूछे जाने पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के प्रवक्ता महेशिंदर सिंह ग्रेवाल ने कहा, "यह वोट का मामला नहीं है। यह इतिहास का मामला है और हम 1984 में जो हुआ उसे नहीं भूल सकते। हो सकता है कि 20 के दशक की नई पीढ़ी को इसके बारे में पता न हो। हमें उन्हें बताना होगा कि उस समय क्या हुआ था।"
यह पूछे जाने पर कि क्या इससे हिंदू मतदाता अलग-थलग पड़ सकते हैं, ग्रेवाल ने कहा, "यह हिंदू या सिखों के बारे में नहीं है। हम किसी भी वोट बैंक के नुकसान या लाभ के लिए इतिहास को नहीं भूल सकते।"
फरीदकोट के पूर्व कांग्रेस विधायक कुशलदीप सिंह ढिल्लों ने माना कि ऑपरेशन ब्लू स्टार अभियान का असर हो सकता है, लेकिन उन्होंने कहा, "इससे सबसे ज़्यादा नुकसान आप और शिअद को होगा। कांग्रेस पर थोड़ा-बहुत, लेकिन कम, असर हो सकता है।"
फरीदकोट सीट 2019 में कांग्रेस ने जीती थी और पार्टी को अपना उम्मीदवार, अमेरिका से लौटी अमरजीत कौर साहो के साथ अच्छा प्रदर्शन करते हुए देखा जा रहा है। भाजपा ने गायक हंसराज हंस (उत्तर पश्चिमी दिल्ली से अपने मौजूदा सांसद) को मैदान में उतारा है, जबकि आप के उम्मीदवार कॉमेडियन करमजीत सिंह अनमोल हैं।
फरीदकोट में पड़ने वाले यूनिवर्सिटी कॉलेज जैतो में राजनीति विज्ञान के सहायक प्रोफेसर प्रगट सिंह कहते हैं, "सिख वोट बैंक का एक वर्ग ऐसा है जो 1984 के कारण कांग्रेस को अभी भी अछूत मानता है। उनके लिए, अकाली दल और आप ने एक विकल्प पेश किया। हालांकि, एसजीपीसी के पोस्टर और ब्लू स्टार की सालगिरह से प्रेरित लोगों के लिए अब संगरूर, फरीदकोट, खडूर साहिब और बठिंडा सीटों पर एक और विकल्प है।"