NEET-UG विवाद में पहली FIR, 24 घंटे के अंदर में सीबीआई का बड़ा एक्शन
NEET-UG विवाद में पहली FIR दर्ज कर ली गई है। सीबीआई ने 24 घंटे के अंदर में ही यह बड़ा एक्शन लिया है। शनिवार रात को ही केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए सीबीआई को इस विवाद की जांच सौंपी थी। अब खबर है कि जांच एजेंसी ने तुरंत एक्शन लेते हुए पहली FIR दर्ज की है। वैसे यह कार्रवाई उस समय हुई है जब केंद्र ने भी माना है कि 5 मई की परीक्षा में कुछ अनियमितताएं, धोखाधड़ी हुई है।
सीबीआई कैसे करेगी जांच?
अभी के लिए कहा जा रहा है कि सीबीआई अपनी दो टीमों को बिहार और गुजरात भेजने वाली है। एक बड़ी साजिश को देखते हुए जांच एजेंसी पहले इन दोनों राज्यों से अपनी तफ्तीश को शुरू करना चाहती है। उसके बाद दूसरे राज्यों तक जांच जाएगी और कई गिरफ्तारियां भी देखने को मिल सकती हैं। जानकारी के लिए बता दें कि पिछले कई दिनों से इसी तरह से इस नीट विवाद को लेकर कई खुलासे हो रहे हैं।
छात्र उठा रहे क्या सवाल?
बिहार तो अभी इस पूरे मामले का एक एपीसेंटर बन चुका है जहां पर सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां हुई हैं। कथित पेपर लीक के जो आरोप लगे हैं, उनमें भी बिहार की ही भूमिका सामने आई है। इसके ऊपर कई ऐसी गड़बड़ियां भी इस परीक्षा में ही दिखी हैं जिसने सभी छात्रों को आक्रोशित करने का काम किया है। आखिर कैसे एक साथ इतने सारे छात्रों ने टॉप कर लिया? आखिर किस आधार पर कई छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए? आखिर कैसे ज्यादा नंबर पाने के बाद भी कई छात्र रैंकिंग में काफी पिछड़ गए? यह सवाल ही इस समय विवाद की नींव और एनटीए की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठा रहे हैं।
सरकार ने क्या किया?
अब इन्हीं सवालों के बीच में सरकार ने कई कदम उठाए हैं। केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने एनटीए के कामकाज की समीक्षा करने और सुधारों की सिफारिश करने के लिए 7 सदस्यीय पैनल का गठन किया। पैनल का नेतृत्व इसरो के पूर्व प्रमुख के राधाकृष्णन करेंगे। पैनल में एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक रणदीप गुलेरिया, हैदराबाद केंद्रीय यूनिवर्सिटी के कुलपति बीजे राव, आईआईटी मद्रास में सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर एमेरिटस के राममूर्ति शामिल हैं। पीपल स्ट्रॉन्ग के सह-संस्थापक और कर्मयोगी भारत बोर्ड के सदस्य पंकज बंसल, आईआईटी दिल्ली के छात्र मामलों के डीन आदित्य मित्तल और शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल भी इसके सदस्यों में शामिल हैं।