NEET विवाद के बीच विरोध कर रहे छात्रों से मिले शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, जानिए क्या कहा
नीट परीक्षा को लेकर विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं। अब इस बीच शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने विरोध कर रहे छात्रों से मुलाकात की है। उनकी तरफ से जोर देकर कहा गया है कि सरकार पारदर्शी प्रक्रिया के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने यहां तक कहा है कि छात्रों का पक्ष जान उन्हें सहज करने की पूरी कोशिश हुई है।
क्या चल रहा है पूरा विवाद?
अब जानकारी के लिए बता दें कि इस बार की नीट परीक्षा को लेकर काफी विवाद देखने को मिला है। गलत रैकिंग से लेकर पेपर लीक के आरोपों ने विश्वसनीयता पर ही सवाल उठा दिए हैं। एनटीए की कार्यशैली पर भी छात्र भरोसा नहीं कर पा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने जरूर इस मामले में कुछ राहत देने का काम किया है। ग्रेस मार्क्स पाने वाले छात्रों को दोबारा परीक्षा देने का विकल्प दे दिया गया है।
धर्मेंद्र प्रधान ने क्या बोला?
लेकिन इस सब के बीच सरकार का एनटीए को समर्थन देना, कथित रूप से क्लीन चिट तक दे देना छात्रों को रास नहीं आया है। असल में कुछ दिन पहले ही शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कह दिया था कि कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है, पेपर लीक का कोई सबूत भी नहीं मिला है। उन दावों की वजह से ही छात्रों का आक्रोश और ज्यादा बढ़ गया था और उनकी तरफ से कई तरह के सबूत भी पेश कर दिए गए।
अब विवाद को बढ़ता देख धर्मेंद्र प्रधान ने विरोध कर रहे छात्रों और उनके परिजनों से मुलाकात की है। उनकी तरफ से कहा गया है कि केंद् सरकार नीट देने वाले छात्रों के हितों की रक्षा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मैं सभी छात्रों को आश्वासन देना चाहता हूं कि उनकी हर चिंता को दूर किया जाएगा। किसी भी छात्र के साथ गलत नहीं होगा, अन्याय नहीं किया जाएगा।
पेपर लीक के क्या सबूत?
वैसे 5 मई को नीट परीक्षा होने से पहले ही ऐसे आरोप लग चुके थे कि पेपर लीक हुआ है। उस शक के बाद ही बिहार पुलिस ने एक्शन लेते हुए 5 जून को 12 संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार किया था। उनसे जब पूछताछ हुई तो पता चला कि वो आरोपी पहले भी दूसरे पेपर लीक करवा चुके हैं। अब छात्र तो सवाल पूछ रहे हैं कि अगर बिहार पुलिस को पहले से शक हो चुका था, उसके बाद भी बिना जांच किए परीक्षा के नतीजे कैसे घोषित कर दिए गए? छात्रों के यह सवाल सरकार से हैं जो इस समय NTA को क्लीन चिट देने का काम कर रही है। जांच की बात करती है, दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन भी देती है, लेकिन पेपर लीक के आरोपों का खंडन भी कर रही है। ऐसे में किस आधार पर और किन आरोपों को लेकर जांच होगी, यह भी एक बड़ा सवाल खड़ा हो चुका है।