NEET-NET Paper Leak: वो मुद्दा जिसने लिखी विपक्षी एकता की पटकथा और Modi 3.0 की पहली अग्नि परीक्षा
NEET-NET Paper Leak: लोकसभा इलेक्शन के नतीजों से विपक्षी दलों को काफी मजबूती मिली है। NEET-UG परीक्षा और अब रद्द हो चुकी UGC-NET परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर चल रहा विवाद बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए और विपक्षी अलायंस के बीच टकराव का पहला बड़ा मुद्दा बन गया है। 24 जून से शुरू हो रहे 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में यह मुद्दा काफी तूफानी होने वाला है।
कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष ने इलेक्शन के रिजल्ट के तुरंत बाद ही अपनी मंशा साफ कर दी है कि वह सरकार को चैन से नहीं बैठने देगा और उसने कसम खाई है कि वह राष्ट्रीय मुद्दों पर ज्यादा ध्यान देगा। दो दिन पहले दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पेपर लीक रोकने में अनियमितताओं को लेकर सरकार और पीएम मोदी पर बार-बार हमला बोला। राहुल ने साफ कर दिया कि मोदी सरकार 3.0 को अलग-अलग सार्वजिनक मुद्दों पर विपक्ष की कड़ी जांच का सामना करना पड़ेगा।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार दिखावा कर सकती है। लेकिन विपक्ष की तरफ से उन्हें इतना दबाव झेलना पड़ेगा कि वे जो कुछ भी कर रहे हैं, उसके बारे में दो बार सोचेंगे। हम यह भी तय करेंगे कि हम उन पर इतना दबाव डालें कि पेपर के लीक होने का मुद्दा सुलझ जाए। उन्होंने कहा कि विपक्ष संसद के आगामी सत्र में इस मुद्दे को उठाएगा।
क्या पेपर लीक एक चुनावी मुद्दा था?
हाल ही के लोकसभा इलेक्शन के दौरान इंडिया अलायंस ने 234 सीटों पर जीत हासिल की थी। पेपर लीक का मुद्दा विपक्षी नेताओं के चुनावी भाषणों के दौरान भी उठा था। इसमें राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव और अन्य दूसरे नेता भी शामिल हैं। कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणापत्र में पेपर लीक से संबंधित मामलों का जल्द से जल्द निपटारा करने और स्टूडेंट्स को मुआवजा देने का भी वादा किया था। बीजेपी ने भी पेपर लीक मुद्दे का इस्तेमाल विपक्ष पर हमला करने के लिए किया। राजस्थान में अपने चुनावी अभियान के दौरान पीएम मोदी ने दावा किया था कि राज्य की पिछली कांग्रेस सरकार खुद पेपर लीक में शामिल थी और उसने देश के युवाओं के साथ विश्वासघात किया है।
क्या हाल ही में कोई अन्य पेपर लीक हुआ है?
हाल ही में पेपर लीक होने से पहले इंडियन एक्सप्रेस ने जांच की। इसमें सामने आया कि पांच सालों के अंदर 15 राज्यों में पेपर लीक के कम से कम 41 मामले सामने आए। इनकी वजह से सरकारी नौकरियों की प्रक्रियाओं में परेशानी आई। पेपर लीक होने की वजह से करीब 1.04 लाख सरकारी पदों के लिए कम से कम 1.4 करोड़ लोगों पर असर पड़ा।
अगर पेपर लीक के किसी हालिया मामले की बात की जाए तो इसमें उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती का पेपर शामिल है। यह फरवरी महीने में लीक हो गया था। पेपर वाले दिन सोशल मीडिया पर यह तेजी से वायरल हो गया। 60,244 कांस्टेबल पदों को भरने के लिए कुल 48 लाख कैंडिडेट्स ने रजिस्ट्रेशन करवाया था। राज्य सरकार ने फिर से पेपर कराने का आदेश दिया है लेकिन डेट का अभी तक ऐलान नहीं किया गया है।
यूपी में अब तक की सबसे ज़्यादा 37 सीटें जीतने वाली समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने दावा किया कि पेपर लीक मुद्दे ने चुनावों पर काफी असर डाला। बताया जाता है कि पेपर लीक पर विपक्ष के चुनावी अभियान ने युवाओं को काफी प्रभावित किया। यह बेरोजगारी के मुद्दे से जुड़ा हुआ है।
क्या विपक्षी दल पेपर लीक मुद्दे पर एकजुट हैं?
विपक्षी नेताओं ने न केवल पेपर लीक का मुद्दा उठाया है, बल्कि इसका इस्तेमाल बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधने के लिए भी किया है। कांग्रेस इस मुद्दे पर आक्रामक रही है। सपा, शिवसेना , डीएमके, टीएमसी, एनसीपी, सीपीआई (एम), सीपीआई और आप समेत अन्य विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे को एक सुर में उठाते हुए मांग की है कि नीट-यूजी पेपर को भी रद्द किया जाना चाहिए और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। संसद में विपक्ष की ताकत बढ़ने के कारण इस विवाद को जल्द ही खत्म होने देने की संभावना नहीं है। साथ ही, पेपर लीक का मुद्दा एक बड़े वर्ग पर असर डालता है। खासकर युवा और उनके परिवार जो सालों अपनी तैयारी में कई साल लगा देते हैं।
एनडीए सरकार का रुख
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पहले कहा था कि NEET-UG का कोई पेपर लीक नहीं हुआ। हालांकि, प्रधान ने गुरुवार को माना कि कुछ कमियां हुईं हैं। पेपर लीक के आरोपों की बिहार की जांच का जिक्र करते हुए और एनटीए की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन करने की घोषणा की है। प्रधान ने माना था कि पेपर लीक हुआ है। उनका रुख पिछले हफ्ते से काफी अलग था जब उन्होंने कहा था कि पेपर लीक होने का कोई भी सबूत नहीं है। मोदी सरकार 3.0 में शिक्षा मंत्री के रूप में अपना नया कार्यकाल शुरू करने के तुरंत बाद उन्होंने कहा था कि कहीं पर कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है।
बीजेपी ने भी राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि जब केंद्र सरकार इस मामले पर गंभीर है तो वह इस मामले को सियासी रूप दे रहे हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि नीट पेपर को लेकर सरकार पूरी तरह संवेदनशील और सतर्क है। साथ ही, यह भी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि किसी भी छात्र के साथ अन्याय न हो और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। लेकिन राहुल गांधी , जो अपने तीसरे प्रयास में थर्ड डिवीजन से भी पास नहीं हो पाए और उन्हें लोकसभा इलेक्शन में सिर्फ 100 सीटें मिलीं, खुद को होनहार स्टूडेंट्स का नेता घोषित करने की कोशिश कर रहे हैं।