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यूपी से बीजेपी ने बहुत सोच समझकर चुने केंद्रीय मंत्री, कास्ट डायनेमिक्स से समझिए भगवा खेमे की 'रणनीति'

लोकसभा चुनाव में बीजेपी को यूपी से खासा नुकसान हुआ है। इसकी वजह कुछ जातियों का इंडिया गठबंधन की ओर खिसकना बताया जा रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए मोदी कैबिनेट में उस जाति के सांसदों को शामिल किया गया है।
Written by: Maulshree Seth
नई दिल्ली | Updated: June 15, 2024 09:25 IST
यूपी से बीजेपी ने बहुत सोच समझकर चुने केंद्रीय मंत्री  कास्ट डायनेमिक्स से समझिए भगवा खेमे की  रणनीति
यूपी से केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल हुए सांसदों का जातीय समीकरण
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केंद्र में मोदी सरकार तीसरी बार आसीन हो चुकी है। बीते इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी को उसके ही गढ़ उत्तर प्रदेश से करारा झटका लगा है। जिसकी भरपाई करने के लिए बीजेपी ने राज्य से कुल 10 सांसदों को मंत्रिमंडल में शामिल किया है। मंत्रिमंडल में शामिल सांसदों के जातीय समिकरण को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने वोट बैंक को साधने की पूरी कोशिश की है।

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यूपी में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अनुसूचित जाति (एससी) अभी तक जो बीजेपी का साथ देते आए थे ऐसा माना जा रहा है कि इस चुनाव में इन जातियों ने बीजेपी का साथ न देकर इंडिया गठबंधन के कांग्रेस और सपा को अपना समर्थन दिया। जिसके वजह से बीजेपी को अच्छा खासा नुकसान उठाना पड़ा। इसी ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने गैर यादव ओबीसी जातियों को साधनें के लिए जहां अनुप्रिया पटेल, पंकज चौधरी और बीएल वर्मा को मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया है। वहीं पासी समाज को साधने के लिए बांसगांव से सांसद कमलेश पासवान को मंत्री बनाया गया है।

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प्रदेश में ओबीसी के अंतर्गत आने वाली कुर्मी समुदाय यादवों के बाद दूसरी सबसे बड़ी जाति समूह मानी जाती है। इस जाति का प्रभाव गोंडा, बाराबंकी, महाराजगंज, मिर्जापुर, वाराणसी, रॉबर्ट्सगंज, कुशीनगर और श्रावस्ती में देखने को मिलता है। इसी को ध्यान में रखते हुए मोदी कैबिनेट में मिर्जापुर से अपना दल की सांसद अनुप्रिया पटेल को स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण मंत्रालय और रसायन एंव उर्वरक मंत्रालय का राज्य मंत्री बनाया गया है। जबकि महाराजगंज से 8वीं बार सांसद चुने गए पंकज चौधरी को वित्त मंत्रालय का राज्य मंत्री बनाया गया है।

दलितों में जाटव के बाद दूसरी सबसे बड़ी और प्रभावशाली जाति पासी है। प्रदेश में पासियों की आबादी दलितों का 16 फीसदी माना जाता है। इस जाति का प्रभाव मुख्य रूप से अवध क्षेत्र में विशेष रूप से माना जाता है। इस क्षेत्र के फैजाबाद, लखनऊ, बाराबंकी, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, उन्नाव, रायबरेली और प्रतापगढ़ में पासी जाति निर्णायक भूमिका में है। इन सभी सीटों में से कुछ सीटों पर ही बीजेपी जीत पाई जबकि बहुत से सीटों पर जीत का अंतर कम हो गया है।

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जहां लखनऊ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पिछली बार 3.7 लाख वोटों से जीते थे इस बार उनको 1.35 लाख से जीत मिली है। जबकि उन्नाव से साक्षी महाराज के जीत का अंतर 4 लाख से घटकर 35 हजार पर आ गया। वहीं बीजेपी का गढ़ मानी जाने वाली फैजाबाद सीट पर करारी हुई है। जहां से दो बार के सांसद लल्लू सिंह को पासी समाज से आने वाले सपा के अवेधश प्रसाद ने हराया है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने गोरखपुर की बांसगांव से 4 बार के लोकसभा सांसद कमलेश पासवास को मोदी मंत्रीमंडल में जगह दी है। कमलेश पासवान को ग्रामिण विकास मंत्रालय का राज्य मंत्री बनाया गया है।

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