'50 साल पुरानी इमरजेंसी याद है लेकिन पिछले 10 साल का अघोषित आपातकाल याद नहीं', मल्लिकार्जुन खड़गे ने PM मोदी पर साधा निशाना
लोकसभा सत्र शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने संसद भवन परिसर में आपातकाल की तारीख (25 जून) पर बोलते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम के विपक्ष पर तीखे हमले का जवाब देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की नैतिक हार के बाद भी अहंकार बना हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को 50 साल पुराना आपातकाल तो याद है, लेकिन अघोषित आपातकाल का पिछला दशक याद नहीं है। विपक्ष ने सत्र शुरू होने से पहले संसद परिसर में संविधान हाथ में लेकर एक मार्च भी निकाला।
क्या बोले मल्लिकार्जुन खड़गे?
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा, "पीएम मोदी ने आज हमेशा की तरह लंबा भाषण दिया। जाहिर है नैतिक और राजनीतिक हार के बाद भी अहंकार बरकरार है। देश को उम्मीद थी कि मोदीजी पेपर लीक और बंगाल में ट्रेन दुर्घटना जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर कुछ कहेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ।"
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा,"लोगों को उम्मीद थी कि वह (पीएम मोदी) नीट और अन्य भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक के मामले में युवाओं के प्रति कुछ सहानुभूति दिखाएंगे, लेकिन उन्होंने अपनी सरकार में बड़े पैमाने पर धांधली और भ्रष्टाचार के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं ली। मोदीजी पश्चिम बंगाल में हाल ही में हुए रेल हादसे और रेलवे के घोर कुप्रबंधन के बारे में भी चुप रहे। मणिपुर पिछले 13 महीनों से हिंसा की चपेट में है, लेकिन मोदीजी ने राज्य का दौरा करने की जहमत नहीं उठाई और न ही उन्होंने आज अपने भाषण में ताजा हिंसा के बारे में कोई चिंता व्यक्त की।"
'काम करें पीएम'
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अगर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बन गए हैं तो उन्हें काम करना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "लोगों को नारे नहीं, बल्कि ठोस आधार चाहिए, इसे आप खुद याद रखें। उन्होंने कहा कि विपक्ष और भारत जनबंधन संसद में आम सहमति चाहते हैं और सदन, सड़कों और सबके सामने लोगों की आवाज उठाते रहेंगे। हम संविधान की रक्षा करेंगे! भारतीय लोकतंत्र अमर रहे।"
पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा था किजनता विपक्ष से अच्छे कदमों की अपेक्षा रखती है। मुझे उम्मीद है कि विपक्ष लोकतंत्र की गरिमा को बनाए रखने के लिए देश के आम नागरिकों की अपेक्षाओं पर खरा उतरेगा। लोग नाटक, उपद्रव नहीं चाहते। लोग नारे नहीं, सार्थकता चाहते हैं। देश को एक अच्छा विपक्ष चाहिए, एक जिम्मेदार विपक्ष चाहिए और मुझे पूरा विश्वास है कि इस 18वीं लोकसभा में जीतकर आए सांसद आम आदमी की इन अपेक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करेंगे।