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Maharashtra Politics: पत्नी सुनेत्रा के राज्यसभा जाने पर अजित पवार की NCP में खटपट, बारामती से हारी थीं लोकसभा चुनाव

Maharashtra Politics: सुनेत्रा पवार को एनसीपी ने राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है जिसको लेकर एनसीपी में अंदरखाने गतिरोध की स्थिति है। पढ़ें आलोक देशपांडे की रिपोर्ट...
Written by: ईएनएस
नई दिल्ली | Updated: June 14, 2024 09:12 IST
Maharashtra Politics: लोकसभा चुनाव में काफी खराब रहा था NCP का प्रदर्शन (सोर्स- PTI)
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Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की सियासत में लोकसभा चुनाव खत्म होने के बावजूद अभी काफी उठापटक की स्थिति है, क्योंकि नतीजें सत्ताधारी गठबंधन के अनुकूल नहीं आए हैं और कुछ महीने पहले एनसीपी में हुई टूट के बाद डिप्टी सीएम अजित पवार की पार्टी को महाराष्ट्र में झटका लगा है। अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा खुद बारामती सीट पर सिटिंग सांसद सुप्रिया सुले से हार गईं। इस हार के बाद अब एनसीपी ने महाराष्ट्र की राज्यसभा सीट के लिए सुनेत्रा पवार का नाम घोषित किया है, जिसने एक बार फिर एनसीपी में अंदरखाने उथल-पुथल मचा दी है।

एनसीपी में सुनेत्रा को राज्यसभा के लिए मनोनीत करने पर अंदरखाने तो
टकराव की खबरें हैं लेकिन खुलकर अभी कोई भी कुछ नहीं बोल रहा है। वरिष्ठ नेता और मंत्री छगन भुजबल ने दावा किया है कि उनका नाम आगे न बढ़ाए जाने पर वह नाराज नहीं है।

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छगन भुजबल जाना चाहते थे राज्यसभा

छगन भुजबल ने मुखरता से कहा कि राज्यसभा को लेकर वे अपनी दावेदारी पेश कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पार्टी के कोर ग्रुप के सदस्यों ने सर्वसम्मति से सुनेत्रा पवार को राज्यसभा सीट देने का फैसला किया है। मेरे सहित कई लोग यह सीट चाहते थे, लेकिन चर्चा के बाद हमने फैसला किया है कि सुनेत्रा पवार को राज्यसभा भेजा जाना चाहिए। मैं इस फैसले से बिल्कुल भी परेशान नहीं हूं। हमने पार्टी के लिए यह फैसला लिया है।

सुनेत्रा पवार के राज्यसभा जाने को लेकर पार्टी में नाराजगी पर छगन भुजबल ने कहा है कि ऐसी कोई नाराजगी है ही नहीं। जब आप किसी पार्टी में काम करते हैं, तो आपको कुछ त्याग करने पड़ते हैं। पार्टी का हित सर्वोपरि है। एनसीपी की टॉप लीडरशिप ने भी इस मुद्दे पर एकजुटता दिखाई है। पार्टी के सभी मंत्री और दिग्गज नेता सुनेत्रा के नामांकन के दौरान मौजूद रहे।

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साथी पार्टियों ने भी दिया है समर्थन

गुरुवार को 25 जून को होने वाले उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन था। यह उपचुनाव वरिष्ठ पार्टी नेता प्रफुल्ल पटेल द्वारा दो साल बाद ही अपनी सीट खाली करने के कारण हो रहा है। सुनेत्रा की चार साल की राज्यसभा अवधि की दावेदारी को उनकी पार्टी के महायुति सहयोगियों का समर्थन प्राप्त है, जिनमें कांग्रेस, एनसीपी और बीजेपी का समर्थन है।

एनसीपी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि इस राज्यसभा सीट के लिए एक दर्जन से ज़्यादा पार्टी नेता उम्मीद लगाए बैठे थे। एनसीपी के एक नेता ने कहा कि सुनेत्रा को राज्यसभा भेजने का फ़ैसला तब लिया गया जब इससे पार्टी के सामाजिक और संगठनात्मक पदचिह्नों को बढ़ाने के प्रयासों को बढ़ावा नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा है कि इससे उन विधायकों और नेताओं को और परेशानी होगी जिन्होंने पार्टी के शरद पवार गुट से संपर्क करना शुरू कर दिया है।

लोकसभा में खराब रहा है एनसीपी के अजित गुट का प्रदर्शन

पिछले साल जुलाई में जब अजित पवार एनसीपी से अलग होकर एनडीए सरकार में शामिल हुए, तो उन्होंने अपने करीबी सुनील तटकरे को राज्य पार्टी इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया। तटकरे की बेटी शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री हैं, जबकि बेटा MLC है।

लोकसभा चुनाव में एनसीपी ने राज्य में सिर्फ़ चार सीटों पर चुनाव लड़ा था। सुनेत्रा को बारामती से टिकट दिया गया, जबकि अजीत की रिश्तेदार अर्चना पाटिल को धाराशिव सीट से टिकट दिया गया। शिरुर से शिवाजीराव अधलराव पाटिल को टिकट दिया गया, जबकि रायगढ़ से तटकरे खुद उम्मीदवार थे। इनमें से सिर्फ़ तटकरे ही चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं।

शरद पवार की पार्टी NCP(SP) ने 10 सीटों पर चुनाव लड़कर 8 लोकसभा सीटें जीतीं, तथा सभी प्रमुख दावेदारों के बीच उसका स्ट्राइक रेट सबसे अच्छा रहा।

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Tags :
Ajit pawarBJPmaharastraNCP
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