कश्मीर में कुछ बड़ा होने वाला है? आतंकी हमलों के बीच PM मोदी ने की अमित शाह से बात
जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रहे आतंकी हमलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अहम बैठक की है। बताया जा रहा है कि पीएम ने गृह मंत्री अमित शाह से भी वर्तमान स्थिति पर लंबी बातचीत की है और एलजी मनोज सिन्हा के साथ भी मंथन हुआ है। इस समय कश्मीर में कितनी फोर्स तैनात है, क्यों इतने हमले हो रहे हैं, हर पहलू पर चर्चा की गई है।
कश्मीर में क्या-क्या हुआ है?
जानकारी के लिए बता दें कि पिछले चार दिनों में जम्मू-कश्मीर में चार बार एनकाउंटर हो चुका है। कठुआ से लेकर डोडा तक, कई इलाकों में सेना और आतंकियों के बीच में संघर्ष की स्थिति दिखी है। इन एनकाउंटर में एक जवान शहीद हुआ है तो दो आतंकियों को भी ढेर किया गया है। जम्मू के रियासी में हुए आतंकी हमले के बाद से ही घाटी में तनाव बढ़ा हुआ है। जोर देकर कहा जरूर गया है कि मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा, लेकिन सरकार के प्लान को लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
सर्जिकल, एयर स्ट्राइक... अब क्या?
इस समय ऐसी चर्चा जरूर चल रही है कि सेना कोई बड़ा ऑपरेशन आतंकियों के खिलाफ चला सकती है। अब इस ऑपरेशन के तहत कहां तक कार्रवाई की जाएगी, यह स्पष्ट नहीं, लेकिन सरकार ने शांत बैठने का निर्णय नहीं लिया है। बड़ी बात यह है कि मोदी सरकार ने ही इससे पहले आतंकी हमलों के जवाब में सर्जिकल और एयर स्ट्राइक तक करवा रखी है। इसी वजह से सोशल मीडिया पर जरूर इस प्रकार की चर्चा चल रही है कि फिर कोई बड़ी कार्रवाई संभव है।
पाकिस्तान के खिलाफ मिले सबूत
समझने वाली बात यह भी है कि हाल के दिनों में जितने भी आतंकी हमले हुए हैं, उनमें पाकिस्तान की भूमिका को लेकर पुख्ता सबूत मिले हैं। इनमें पाकिस्तान की बैटरी से लेकर वहां बनने वाली चॉकलेट तक शामिल हैं। जो बंदूक बरामत हुई हैं, उनका भी पाकिस्तान कनेक्शन सामने आ चुका है। इसके ऊपर जानकार मानते हैं कि बॉर्डर पर सीजफायर के बावजूद भी आतंकी लगातार घुसपैठ करने में कामयाब हो रहे हैं। दहशतगर्दों की तरफ से सेना से सीधी टक्कर नहीं ली जा रही है, बल्कि वाहनों और पोस्ट पर हमला कर नुकसान पहुंचाने की कवायद दिख रही है।
जंगलों के रास्ते घाटी में एंट्री, सेना करेगी ऑपरेशन
पिछले साल ही ऐसे इनपुट आ गए थे कि बड़ी संख्या में आतंकी सीमा पार से घुसपैठ करने वाले हैं। सेना ने कई आतंकियों को तो घुसने ही नहीं दिया, लेकिन कुछ जरूर जंगलों के रास्ते घाटी तक पहुंच गए और अब अपने लोकल नेटवर्क की मदद से हमले कर रहे हैं। सेना का दावा है कि उनके पास आतंकियों के ठिकानों को लेकर इनपुट हैं, ऐसे में समय रहते कड़ी और निर्णायक कार्रवाई होगी।