scorecardresearch
For the best experience, open
https://m.jansatta.com
on your mobile browser.

रियासी में आतंकी हमला क्यों चिंता का गंभीर विषय? वैष्णो देवी तीर्थ जम्मू-कश्मीर के इसी जिले में

राजौरी, पुंछ और रियासी जिले 1990 के दशक के अंत से 2000 के दशक की शुरुआत तक उग्रवाद का केंद्र रहे थे।
Written by: arun sharma | Edited By: Nitesh Dubey
नई दिल्ली | June 10, 2024 15:37 IST
रियासी में आतंकी हमला क्यों चिंता का गंभीर विषय  वैष्णो देवी तीर्थ जम्मू कश्मीर के इसी जिले में
जम्मू-कश्मीर के रियासी में रविवार को आतंकवादी हमला हुआ। (PTI Photo)
Advertisement

जम्मू-कश्मीर के रियासी में शिवखोड़ी जा रही तीर्थयात्रियों की बस पर रविवार को आतंकवादी हमला हुआ। इसमें 9 लोगों की जान चली गई और 33 लोग घायल हो गए। रविवार शाम करीब 6.10 बजे राजौरी जिले की सीमा से लगे रियासी जिले के पौनी इलाके में शिवखोड़ी से कटरा जा रही तीर्थ यात्रियों की बस को आतंकवादियों ने अपना निशाना बनाया। वहीं रियासी में शिव खोरी से तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस पर रविवार को हुए हमले ने सुरक्षा एजेंसियों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। यह इसलिए खतरे की घंटी है क्योंकि यह आतंकवादियों द्वारा जम्मू क्षेत्र में राजौरी और पुंछ के सीमावर्ती जिलों से परे अपने अभियान के विस्तार करने की ओर इशारा करता है।

Advertisement

रियासी जिले में आखिरी बार 2022 में हुआ था हमला

सूत्रों के मुताबिक रियासी जिले में आखिरी बार आतंकवादियों ने मई 2022 में हमला किया था। उन्होंने एक बस में चिपचिपे बम लगाए थे, जिसमें चार वैष्णो देवी तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी और लगभग दो दर्जन घायल हो गए थे।

Advertisement

इसके अलावा नियंत्रण रेखा से बहुत दूर स्थित यह जिला पिछले लगभग दो दशकों से शांतिपूर्ण था। सूत्रों ने कहा कि क्षेत्र से रिपोर्ट की गई एकमात्र अन्य आतंकवादी गतिविधि राजौरी और पुंछ जिलों में नियंत्रण रेखा पार करने के बाद कश्मीर घाटी की ओर जाने वाले आतंकवादियों की है। जुलाई 2022 में, स्थानीय निवासियों ने रियासी जिले के टुकसान ढोक में भारी हथियारों से लैस लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों को पकड़ लिया था और उन्हें जम्मू-कश्मीर पुलिस को सौंप दिया था। दोनों उस वक्त राजौरी से कश्मीर जा रहे थे।

20 साल बाद फिर हमले का दौर

राजौरी, पुंछ और रियासी जिले 1990 के दशक के अंत से 2000 के दशक की शुरुआत तक उग्रवाद का केंद्र रहे थे, लेकिन फिर अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण हो गए। हालांकि 2021 में राजौरी और पुंछ में आतंकवादी गतिविधियों में फिर से वृद्धि हुई। पूर्व सुरक्षा बलों के अधिकारियों के अनुसार रणनीतिक रूप से ये तीन जिले अपनी भौगोलिक स्थिति, पहाड़ी इलाके और घने जंगलों की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।

Advertisement

एलओसी का लगभग 200 किमी हिस्सा राजौरी और पुंछ से होकर गुजरता है। पीर पंजाल रेंज (जो कश्मीर को जम्मू से अलग करती है) तीन जिलों से होकर गुजरती है और एलओसी पार करने वाले आतंकवादियों के लिए घाटी में एक रास्ता है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति आतंकवादियों के लिए फायदेमंद होती है क्योंकि जब भी उन्हें सुरक्षा बलों के बढ़ते दबाव का सामना करना पड़ता है तो पहाड़ और जंगल उन्हें जिलों के बीच जाने के लिए कवर प्रदान करते हैं। अधिकारी ने कहा कि रियासी में रविवार का आतंकी हमला संभवतः राजौरी और पुंछ में पुलिस और सुरक्षा बलों के आतंकवादियों पर बढ़ते दबाव की प्रतिक्रिया के रूप में हुआ है।

Advertisement

2021 से राजौरी और पुंछ दोनों जिलों में आतंकवादी हमलों में कुल 38 सैनिक और 11 नागरिक मारे गए हैं। इनमें से अकेले 2023 में लगभग 24 सैनिक और सात नागरिक मारे गए हैं।

Advertisement
Tags :
Advertisement
Jansatta.com पर पढ़े ताज़ा एजुकेशन समाचार (Education News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए जनसत्ता की हिंदी समाचार ऐप डाउनलोड करके अपने समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं ।
×
tlbr_img1 Shorts tlbr_img2 खेल tlbr_img3 LIVE TV tlbr_img4 फ़ोटो tlbr_img5 वीडियो