'...तो मिट जाएगा धरती का नामोनिशान', बढ़ रहे एस्टेरॉयड को लेकर ISRO चेयरमैन की चेतावनी, बोले- ऐसे ही हुआ था डायनासोर का खात्मा
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) 13 अप्रैल 2029 को अपोफिस क्षुद्रग्रह (Apophis asteroid) के साथ धरती के नज़दीक आने से पहले अंतरिक्ष में ग्रहीय रक्षा मिशन में भाग लेने के लिए उत्सुक है। इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ (S. Somanath) और वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने बुधवार को क्षुद्रग्रह दिवस 2024 (Asteroid Day 2024) के अवसर पर बेंगलुरु में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला में यह बात कही।
13 अप्रैल 2029 को एक बार फिर धरती के करीब से गुजरेगा
पिछली बार एस्टेरॉयड से 116 साल पहले साइबेरिया के पास विस्फोट हुआ था। इसकी वजह से करीब 2200 वर्ग किमी जंगल नष्ट हो गया था। 8 करोड़ से ज्यादा पेड़ जल गये थे। और डायनासोर का धरती से पूरी तरह से खात्मा हो गया था। अब 13 अप्रैल 2029 को एक बार फिर यह एस्टेरॉयड धरती के बिल्कुल करीब से गुजरेगा। इसको लेकर वैज्ञानिक चिंतित हैं और इससे बचने के लिए उपाय सोचने में लगे हैं।
इसरो ने कहा कि स्कूली छात्रों की उपस्थिति में एस्टेरॉयड कार्यशाला का उद्देश्य इनके प्रभाव, खतरों, ब्रह्मांड की बेहतर समझ के लिए एस्टेरॉयड रिसर्च के महत्व और ग्रहीय रक्षा के लिए नए समाधानों को प्रेरित करना है।
इसरो के अध्यक्ष सोमनाथ ने एस्टेरॉयड दिवस कार्यक्रम में कहा, "वर्ष 2029 में जब अपोफिस आएगा, तो हम इस एस्टेरॉयड से मिल सकेंगे। तब यह पृथ्वी के बहुत नज़दीक होगा। यह मानवता के लिए एस्टेरॉयड के साथ काम करने का सिर्फ एक बार का अवसर होगा। भारत को ऐसे प्रयासों का हिस्सा होना चाहिए। यह अभी तय नहीं हुआ है कि हमें किस तरह से भाग लेना चाहिए।"
क्यों मनाया जाता है एस्टेरॉयड डे
अंतरिक्ष समुदाय द्वारा हर साल 30 जून को एस्टेरॉयड डे मनाया जाता है। 30 जून 1908 को रूस के साइबेरिया में 2,200 वर्ग किमी के जंगल में एक एस्टेरॉयड के विशाल हवाई विस्फोट के कारण यह दिवस मनाया गया था। माना जाता है कि एस्टेरॉयड के कारण ही डायनासोर दुनिया से खत्म हो हुए थे। अंतरराष्ट्रीय एस्टेरॉयड डे मनाने के लिए बुधवार को इसरो में कार्यक्रम आयोजित किया गया।
एपोफिस के लिए इसरो की योजनाएं
इसरो के वैज्ञानिकों ने कहा कि इसरो 2029 में पृथ्वी से 32,000 किमी दूर होने पर एपोफिस एस्टेरॉयड का अध्ययन करने के लिए किसी न किसी क्षमता में काम करने पर विचार कर रहा है, ताकि एस्टेरॉयड को पृथ्वी पर गिरने से रोकने के लिए ग्रह रक्षा प्रयासों की तैयारी की जा सके।
इसरो के अध्यक्ष सोमनाथ ने कहा, "इसमें JAXA (जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी), ESA (यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी), और NASA (नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) के संयुक्त एपोफिस एस्टेरॉयड मिशन पर एक उपकरण लगाना शामिल हो सकता है, या हम किसी तरह से सहायता प्रदान करके शामिल हो सकते हैं, या हम कुछ और कर सकते हैं। इसमें भाग लेने और सीखने के लिए हम मिशन में जो भी सहायता कर सकते हैं, वह प्रदान करनी चाहिए। हम अपना ज्ञान फैलाने के लिए उत्सुक हैं।"