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सेना ने शुरू किया पहला स्किन बैंक, जानिए कैसे करेगा काम, क्या है उद्देश्य?

Indian Army Launches First Skin Bank: इस स्किन बैंक में प्लास्टिक सर्जन, टिश्यू इंजीनियर और विशेष तकनीशियनों सहित उच्च प्रशिक्षित चिकित्सा पेशेवरों की एक टीम काम करेगी।
Written by: न्यूज डेस्क
नई दिल्ली | Updated: June 18, 2024 17:20 IST
सेना ने शुरू किया पहला स्किन बैंक  जानिए कैसे करेगा काम  क्या है उद्देश्य
Indian Army Launches First Skin Bank: इंडियन आर्मी ने पहले स्किन बैंक की स्थापना की है। (ANI Photo/X)
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Indian Army Launches First Skin Bank: सेना के रिसर्च और रेफरल अस्पताल (आर एंड आर) ने एक अत्याधुनिक त्वचा बैंक सुविधा केन्द्र की शुरूआत की है। सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं में यह अपनी तरह की पहली सुविधा है। इस ऐतिहासिक पहल का उद्देश्य सैन्य कर्मियों और उनके परिवारों को आग में जलने के कारण शरीर में गंभीर बीमारी और त्वचा से संबंधित अन्य बीमारियों के उपचार में क्रांतिकारी बदलाव लाना है।

यह त्वचा बैंक ‘स्किन ग्राफ्ट’ के संग्रह, प्रसंस्करण, भंडारण और वितरण के लिए प्रमुख केंद्र के रूप में काम करेगा।

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इस तरह यह देश भर में सैन्य चिकित्सा केंद्रों को महत्वपूर्ण संसाधन प्रदान करेगा। इस सुविधा केन्द्र की स्थापना का उद्देश्य सैन्य कर्मियों और उनके परिवारों को सबसे उन्नत ‘स्किन रिप्लेसमेंट’ उपचार सुविधा प्रदान करना है।

इस स्किन बैंक में प्लास्टिक सर्जन, टिश्यू इंजीनियर और विशेष तकनीशियनों सहित उच्च प्रशिक्षित चिकित्सा पेशेवरों की एक टीम काम करेगी। यह सुविधा केन्द्र गुणवत्ता नियंत्रण और सुरक्षा के उच्चतम मानकों का पालन करेगा, जिससे स्किन ग्राफ्ट की मजबूती और विश्वसनीयता सुनिश्चित होगी।

सेना के चिकित्सा सेवा महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अरिंदम चटर्जी ने स्किन बैंक के शुभारंभ को सैन्यकर्मियों के स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण बताया।

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उन्होंने कहा कि यह सुविधा केन्द्र न केवल देखभाल की गुणवत्ता को बढ़ाएगा, बल्कि गंभीर चोटों से प्रभावित लोगों की सहायता करने की क्षमता को भी मजबूत करेगा।

सेना अस्पताल (आर एंड आर) के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल अजीत नीलकांतन ने कहा, 'स्किन टिश्यू के लिए एक समर्पित संसाधन होने से हम अपने रोगियों को सबसे प्रभावी और व्यक्तिपरक उपचार प्रदान कर सकते हैं, जिससे अंततः उनके स्वस्थ्य होने और पुनर्वास की संभावनाओं में सुधार हो सकता है।'

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