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कॉलेजियम के फैसले से नाराज हिमाचल के 2 जिला जज पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, कानून मंत्री की चिट्ठी को इग्नोर करने का लगाया आरोप

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर और सोलन के जिला न्यायाधीश चिराग भानु और अरविंद मल्होत्रा ने हाईकोर्ट कोलेजियम के फैसले पर आपत्ति दर्ज करते हुए सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दाखिल की है।
Written by: न्यूज डेस्क
नई दिल्ली | May 13, 2024 12:45 IST
सुप्रीम कोर्ट। (इमेज- फाइल फोटो)
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हिमाचल प्रदेश के दो जजों ने कोलेजियम के फैसले पर आपत्ति दर्ज कराते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। दोनों जिला जजों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते आरोप लगाया है कि हाईकोर्ट कॉलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट की सलाह और केंद्रीय कानून मंत्री के पत्रों को नजर अंदाज करते हुए हाईकोर्ट न्यायाधीश के लिए जूनियर जिला न्यायाधीशों के नाम को आगे बढ़ाया है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में जल्द सुनवाई कर सकता है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की इस रिपोर्ट के मुताबिक हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर और सोलन के जिला न्यायाधीश चिराग भानु और अरविंद मल्होत्रा ने हाईकोर्ट कोलेजियम के फैसले पर आपत्ति दर्ज करते हुए सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दाखिल की है। इस याचिका में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से पिछली 4 जनवरी के प्रस्ताव के अनुसार हाईकोर्ट कॉलेजियम को उनके नामों पर दोबारा विचार करने के लिए निर्देश देने की मांग की है।

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सुप्रीम कोर्ट और कानून मंत्री को नजरअंदाज करने का लगाया आरोप

दोनों जिला जजों ने याचिका में हाईकोर्ट कॉलेजियम के फैसले पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि उनके नाम पर दोबारा विचार करने के लिए, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के फैसले और केंद्रीय कानून मंत्री का पत्र हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को लिखा गया था। इस पत्र के जरिए केंद्रीय कानून मंत्री ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से चिराग भानु और अरविंद मल्होत्रा के नाम पर दोबारा विचार करने का अनुरोध किया गया लेकिन हाईकोर्ट कॉलेजियम ने कानूनी मंत्री के पत्र और सुप्रीम कोर्ट के सलाह को दरकिनार करते हुए उनके नामों को जानबूझकर हटा दिया है।

पहले भी की गई सिफारिश

बता दें कि पिछले साल 12 जुलाई को हाईकोर्ट जज के तौर पर नियुक्ति के लिए हाईकोर्ट कॉलेजियम ने चिराग भानु और अरविंद मल्होत्रा के नाम की सिफारिश की थी। हालांकि इसे शुरू में ही रोक दिया गया। 4 जनवरी को मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाले कॉलेजियम ने दोनों नामों पर दोबारा विचार करने के लिए हाईकोर्ट कॉलेजियम को भेजा था। अब याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि उनकी वरिष्ठता को नजर अंदाज करते हुए दो अयोग्य और उनसे जूनियर अधिकारियों के नाम के सिफारिश हाई कोर्ट जज के तौर पर की है। हाईकोर्ट कॉलेजियम के इस रवैये से उनके संवैधानिक अधिकार एवं चुने जाने के अधिकार को हानि पहुंची है।

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Tags :
CJIJustice DY ChandrachudSupreme Court
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