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Hathras stampede: निर्भया केस में आरोपियों के वकील एपी सिंह की हाथरस मामले में एंट्री, अब लड़ेंगे सूरजपाल जाटव उर्फ भोले बाबा का केस

दिल्ली के निर्भया गैंगरेप केस में आरोपियों के वकील एपी सिंह अब हाथरस मामले में सूरजपाल जाटव उर्फ भोले बाबा का केस लड़ेंगे। इस बीच उनका बयान भी सामने आ गया है। इनमें उन्होंने भोले बाबा का बचाव किया है।
Written by: न्यूज डेस्क
नई दिल्ली | Updated: July 04, 2024 10:04 IST
हाथरस मामले में भोले बाबा का केस लड़ेंगे एपी सिंह
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दिल्ली के निर्भया केस में आरोपियों का केस लड़कर सुर्खियों में आए वकील एपी सिंह अब हाथरस मामले में सूरजपाल उर्फ भोले बाबा को केस लड़ेंगे। हाथरस मामले में अब तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है। इस मामले में एपी सिंह का बयान भी सामने आया है। उनका कहना है कि भगदड़ से पहले ही बाबा कार्यक्रम स्थल से चले गए थे। एपी सिंह ने यह भी कहा कि जब यह हादसा हुआ तो उसके बाद हमारे स्वयंसेवक और अनुयायी यह समझाने में असफल रहे कि घटना का कारण क्या था।

असामाजिक तत्वों पर फोड़ा ठीकरा

एपी सिंह ने पूरे हादसे का ठीकरा असामाजिक तत्वों पर फोड़ा है। उन्होंने इस हादसे के पीछे असामाजिक तत्वों को वजह बताया है। एपी सिंह ने यह भी कहा कि पैरों की धूल को लेकर किए जा रहे दावे भी पूरी तरह गलत हैं। बाबा की ओर से ऐसी कोई बात नहीं कही गई है। बता दें कि इससे पहले भोले बाबा का बयान भी सामने आया था। इसमें उन्होंने कहा था कि वह मामले की जांच के लिए पुलिस और प्रशासन की मदद करने को वह तैयार हैं।

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2000 में दर्ज हुआ था पहला मामला

बता दें कि सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के खिलाफ साल 2000 में आगरा में एक मरी हुई लड़की को जिंदा करने के दावों को लेकर मामला दर्ज हुआ था। इस मामले को लेकर यूपी पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि पूर्व में कांस्टेबल सूरज पाल सिंह जाटव और उसकी पत्नी प्रेमवती और अपने चार अन्य साथियों के साथ आगरा के शाहगंज इलाके के केदारनगर में रहा करता था। सूरज पाल, उसकी पत्नी प्रेमवती और उसके चार अन्य साथियों (जिसमें दो महिलाएं थीं) के ऊपर उस समय की शाहगंज थाने की पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 109 और जादुई इलाज और दवाई के लिए विवादास्पद विज्ञापन को लेकर मामला दर्ज किया गया था।

पुलिस के मुताबिक लड़की की मौत के बाद बाबा 200 लोगों के साथ श्मशान घाट पर पहुंचा। श्मशान घाट पर लड़की के घर वाले उसके अंतिम संस्कार के लिए ले आए थे। सूरज पाल ने परिवार वालों को अंतिम संस्कार करने से रोक दिया। सूरज पाल ने परिवार वालों को समझाया कि वो लड़की को फिर से जिंदा कर सकता है।

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hathras case
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