Hathras Stampede: आप ना हों हाथरस जैसे किसी हादसे का शिकार, जानिए भगदड़ में क्या करना चाहिए
उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़ मचने से बड़ा हासदा हुआ। 100 से ज्यादा लोगों की जान गई, 200 के करीब घायल हुए। इस हादसे के बाद से ही प्रशासन पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं, समझने की कोशिश हो रही है कि अगर इतना बड़ा कार्यक्रम हो रहा था, अगर इतने लोग आने वाले थे तो पर्याप्त इंतजाम क्यों नहीं किए गए? अब इस घटना की जांच शुरू हो चुकी है, कुछ दिनों में और बड़े खुलासे संभव हैं।
भगदड़ में फंसना बड़ा नहीं, बाहर कैसे निकलें यह जरूरी
लेकिन इस प्रकार की स्थिति में अगर कभी आप भी फंस जाए, तब क्या करना चाहिए, यह जानना भी उतना ही जरूरी है। भगदड़ सिर्फ किसी सत्संग या सिर्फ किसी बाबा के कार्यक्रम में नहीं होता है। जहां ज्यादा भीड़, वहां उसकी संभावना उतनी ज्यादा रहती है। ऐसे में भगदड़ में फंसना बड़ी बात बात नहीं है, उससे कैसे निपटा जाए, यह जानना ज्यादा जरूरी है।
जहां भीड़, उस डायरेक्शन में आगे बढ़ें
CARE Hospital में इमरजेंसी डिपार्टमेंट के हेड डॉक्टर पी शिवा कुमार से इंडियन एक्सप्रेस से खास बात की है। उनसे समझने की कोशिश हुई है कि आखिर इस प्रकार की स्थिति में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। वे कहते हैं कि अगर कभी आप भगदड़ जैसी स्थिति में फंस जाए तो कोशिश करें कि जिस डायरेक्शन में भीड़ जा रही है, आप भी उसी दिशा में आगे चलें। कोशिश यह होनी चाहिए कि आप पूरी मजबूती के साथ अपने पैरों को जमीन पर रखें, बैलेंस ना बिगड़ना जरूरी है।
अगर गिरे तो सिर को बचाने की पूरी कोशिश करें
अब यह तो आपको तब करना है जब भगदड़ में दूसरे लोगों के साथ भागने में कामयाब हो जाते हैं। लेकिन अगर आप गिर गए, तब क्या किया जाए, यह भी जान लीजिए। डॉक्टर बताते हैं कि अगर आप गिर जाएं तो कोशिश करनी चाहिए अपने शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों को सुरक्षित करने की। आपको अपने हाथ से अपने सिर को ढक लेना चाहिए। जो भी थोड़ा बहुत धक्का है या लोगों की लातें हैं, वो सिर्फ आपकी बैक पर लगेंगी, लेकिन आपका सिर सुरक्षित रहेगा।
दीवारों से दूर रहें, कुचले जाने का खतरा
इसी तरह डॉक्टर के मुताबिक भगदड़ में जब आप भाग रहे हैं तो किसी दीवार या गाड़ी से टक्कर खाने से बचें। अगर ऐसा हो जाएगा तो आपको भीड़ द्वारा कुचला जा सकता है। अब एक सवाल यह भी आता है कि ऐसी परिस्थिति में बच्चों को कैसे बचाया जाए तो डॉक्टर पी शिवा ने इस बारे में भी विस्तार से बताया है। उनका कहना है कि मां-बाप को देखना चाहिए कि बच्चे के छाती और सिर पर कोई चोट ना लगे। किसी कोने तक जाने का प्रयास रहना चाहिए और जब तक भीड़ खत्म ना हो जाए, वही पर रहना चाहिए। इसी तरह घुटनों के बल भी धीरे-धीरे किसी कोने तक जाना ज्यादा सही रहता है।
भगदड़ से निकलने के बाद क्या करना है?
अब डॉक्टर मानते हैं कि अगर कोई ऐसी स्थिति में बच भी जाता है, यह पूरा अनुभव उसे अंदर तक डराने के लिए काफी रहता है। ऐसे में तुरंत उसे मेडिकेशन देना जरूरी है, जरूरी दवाई और प्राथमिक उपचार मिलना चाहिए। ऐसी स्थिति में पीड़ित व्यक्ति का शांत रहना भी बहुत जरूरी है क्योंकि तभी वो अपने दूसरे चाहने वालों को संभाल पाएगा।