Hathras Stampede: हाथरस मामले में पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 6 सेवादारों को किया गिरफ्तार, मुख्य सेवादार अब भी फरार
हाथरस हादसे में एफआईआर दर्ज होने के बाद अब आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर दी है। पुलिस ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए 6 सेवादारों को गिरफ्तार किया है। हालांकि मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर अभी भी फरार चल रहा है। उसकी तलाश में कई जिलों में छापेमारी की गई है लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला है। हाथरस पुलिस ने 7 टीमों को गठन किया है। बता दें कि एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी। बुधवार को देर शाम इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव द्वितीय की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच आयोग गठित कर दिया। आयोग 2 महीने में जांच कर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगा।
सभी आरोपियों के फोन बंद
हाथरस मामले में सभी आरोपियों के फोन घटना के बाद से बंद जा रहे हैं। पुलिस लगातार उनकी तलाश में छापेमारी कर रही है। देर रात पुलिस मैनपुरी स्थित बाबा के आश्रम भी पहुंची थी। यहां पुलिस ने करीब डेढ़ घंटे तक आरोपियों की तलाश की। पुलिस को अभी तक मुख्य सेवादार के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। बताया जा रहा है कि घटना के बाद ही उसने अपना फोन स्विच ऑफ कर लिया था।
निर्भया मामले में आरोपियों के वकील करेंगे भोले बाबा की पैरवी
दिल्ली के चर्चित निर्भया मामले के वकील एपी सिंह हाथरस मामले में सूरजपाल उर्फ भोले बाबा को केस लडेंगे। इस मामले में एपी सिंह का बयान भी सामने आया है। उनका कहना है कि भगदड़ से पहले ही बाबा कार्यक्रम स्थल से चले गए थे। एपी सिंह ने यह भी कहा कि जब यह हादसा हुआ तो उसके बाद हमारे स्वयंसेवक और अनुयायी यह समझाने में असफल रहे कि घटना का कारण क्या था।
एपी सिंह ने पूरे हादसे का ठीकरा असामाजिक तत्वों पर फोड़ा है। उन्होंने इस हादसे के पीछे असामाजिक तत्वों को वजह बताया है। एपी सिंह ने यह भी कहा कि पैरों की धूल को लेकर किए जा रहे दावे भी पूरी तरह गलत हैं। बाबा की ओर से ऐसी कोई बात नहीं कही गई है। बता दें कि इससे पहले भोले बाबा का बयान भी सामने आया था। इसमें उन्होंने कहा था कि वह मामले की जांच के लिए पुलिस और प्रशासन की मदद करने को वह तैयार हैं।
न्यायिक आयोग का हुआ गठन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग गठित किया गया है। हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति बृजेश कुमार श्रीवास्तव इसके अध्यक्ष हैं। इस न्यायिक जांच आयोग में अपर मुख्य सचिव रहे सेवानिवृत्त आईएएस हेमंत राव और डीजी इंटेलीजेंस एवं प्रदेश के मुख्य सूचना आयुक्त रहे सेवानिवृत्त आईपीएस भवेश कुमार सिंह को सदस्य बनाया गया है। आयोग का मुख्यालय लखनऊ में होगा। आयोग अधिसूचना जारी होने की तारीख से दो माह की अवधि के भीतर जांच पूरी करेगा।