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Hathras Satsang Stampede: हाथरस में आखिर किस वजह से मची भगदड़? सामने आई असली वजह

हजारों की संख्या में लोग भोले बाबा के काफिले के पीछे दौड़े और उनके चरणों की धूल माथे पर लगाने की कोशिश करने लगे।
Written by: न्यूज डेस्क
नई दिल्ली | July 02, 2024 23:27 IST
हाथरस सत्संग में मची भगदड़। (इमेज-पीटीआई)
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Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को बड़ी भगदड़ मच गई। सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के फुलरई गांव में आयोजित भोले बाबा के सत्संग के दौरान मची भगदड़ में महिलाओं और बच्चों समेत 116 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए हैं। अब सबके मन में एक ही सवाल आता है कि आखिर इतना बड़ा हादसा कैसे हुआ।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि स्थानीय आयोजकों ने भोले बाबा का कार्यक्रम आयोजित किया था। कार्यक्रम के बाद जब सत्संग के प्रवचनकर्ता मंच से उतर रहे थे तो अचानक भक्तों की भीड़ उन्हें छूने के लिए उनकी तरफ बढ़ने लगी और जब सेवादारों ने उन्हें रोका तो वहीं यह हादसा हो गया। इस पूरे मामले की जांच के लिए हमने एडिशनल डीजी आगरा की अध्यक्षता में एक टीम बनाई है और 24 घंटे में रिपोर्ट तलब की है।

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भोले बाबा की धूल माथे पर लगाने के लिए दौड़े लोग

प्रत्यशदर्शियों ने भी बताया कि भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि का सत्संग करीब 12 बजे शुरू हुआ था और दोपहर 2 बजे खत्म हुआ था। सत्संग करने के बाद भोले बाबा वापस जाने लगे। हजारों की संख्या में लोग भोले बाबा के काफिले के पीछे दौड़े और उनके चरणों की धूल माथे पर लगाने की कोशिश करने लगे। भीषण गर्मी और उमस के कारण लोगों की हालत वैसे ही काफी खराब हो रही थी।

इस बीच भीड़ में दबकर कई महिलाएं और बच्चे जमीन पर गिर पड़े। जमीन पर गिरने की वजह से भीड़ ने उन्हें कुचल दिया। इसी वजह से उनकी मौत हो गई। इतना ही नहीं कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि भक्तों को रोकने के बाद अव्यवस्था फैल गई और भगदड़ मच गई। सत्संग वाली जगह पर इंतजाम की भी काफी कमी थी।

सत्संग वाली जगह पर लोगों ने अपनों के सामने ही दम तोड़ दिया। कोई भी एक दूसरे को देख नहीं रहा था। सब हाइवे पर पहुंचने के लिए दौड़ रहे थे। इसी भगदड़ में किसी का पैर गड्डे में गया तो कोई किसी और के पैरों तले कुचल गया। किसी का बच्चा जमीन पर गिर गया और उसकी भी जान चली गई। हादसे का मंजर इतना भयावह था कि लोगों का कलेजा सिहर उठा।

इतना ही नहीं, जो लोग हादसे में घायल हो गए थे वे काफी देर तक मदद की आस में तड़पते रहे। आधे से ज्यादा लोगों ने समय पर इलाज नहीं मिलने की वजह से अपना दम तोड़ दिया। एबुलेंस पहुंचने में काफी वक्त लग गया। इस सत्संग में यूपी, राजस्थान समेत कई जगहों के लोग आए थे।

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