देर से ऑफिस आने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन की तैयारी, सरकार उठाने जा रही ये बड़ा कदम
अगर आप देर से ऑफिस जाने के आदी है तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। केंद्र सरकार लेटलतीफ कर्मचारियों के खिलाफ सख्त एक्शन की तैयारी कर रही है। केंद्र सरकार ने सफा-साफ कहा है कि 15 मिनट से अधिक की देरी से दफ्तर आने वालों को माफ नहीं किया जाएगा। ऐसे कर्मचारियों को कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा। बता दें कि इसकी शुरुआत 2014 में सत्ता संभालने के बाद मोदी सरकार ने कार्यालय के समय को लागू करने को लेकर की थी लेकिन कुछ कर्मचारियों ने इसका विरोध किया था। कर्मचारियों का तर्क था कि उन्हें ऑफिस आने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है।
होने जा रहा ये बड़ा बदलाव
केंद्र सरकार देश भर में कर्मचारियों के लिए दोबारा बायोमैट्रिक शुरू करने जा रही है। कोरोना के समय इसे कई समय बंद कर दिया गया था। देश भर के कर्मचारियों को सुबह 9.15 बजे तक कार्यालय में उपस्थित होने और अपनी हाजिरी दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है। केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने अधिकतम 15 मिनट की देरी को माफ करने का फैसला किया है। कर्मचारियों को आगाह किया गया है कि अगर वे सुबह 9.15 बजे तक ऑफिस नहीं आते हैं तो उनका आधा दिन का आकस्मिक अवकाश काट लिया जाएगा।
नए आदेश में क्या-क्या
केंद्र सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि अगर किसी कारण से कर्मचारी किसी विशेष दिन कार्यालय में उपस्थित नहीं हो पाते हैं तो उन्हें इसकी सूचना देनी होगी। आकस्मिक अवकाश के लिए आवेदन करना होगा। बता दें कि केंद्र सरकार के कार्यालय सुबह 9 बजे से शाम 5.30 बजे तक खुले रहते हैं।
बता दें कि कोरोना से पहले केंद्र सरकार के सभी दफ्तरों में बायोमैट्रिक अनिवार्य थी। कोरोना के बाद कर्मचारियों को घर से काम करने को कहा गया। इसके बाद जब ऑफिस शुरू हुए तो बायोमैट्रिक का पालन नहीं किया गया। आम तौर पर जूनियर कर्मचारी देर से आते और जल्दी चले जाते। वहीं वरिष्ठ अधिकारियों को कई बाद देर तक ऑफिस रहना पड़ता।