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लोकसभा चुनावी ड्यूटी के दौरान मिर्जापुर में लू लगने से पांच होमगार्डों की हो गई थी मौत, जिला प्रशासन को ठहराया जा रहा दोषी

लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के दौरान पांच होमगार्डों की लू लगने की वजह से मौत हो गई थी। इसको लेकर मृतकों का परिवार जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहरा रहा है।
Written by: मनीष साहू
नई दिल्ली | June 13, 2024 16:13 IST
लोकसभा चुनावी ड्यूटी के दौरान मिर्जापुर में लू लगने से पांच होमगार्डों की हो गई थी मौत  जिला प्रशासन को ठहराया जा रहा दोषी
श्याम सुन्दर गर्ग, रामजीयावन यादव, अरूण कुमार श्रीवास्तव, श्याम सुन्दर सिंह और सत्य प्रकाश की लू लगने की वजह से मौत हो गई थी।
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बीते लोकसभा चुनाव के दौरान मतदाताओं तथा मतदान कर्मियों के लिए प्रचंड गर्मी में मतदान करना और कराना था। हालांकि मतदाताओं को तो कुछ ही समय की लिए लाइन में लगना पड़ रहा था लेकिन मतदान कर्मियों को वोटिंग शुरू होने से लेकर खत्म होने तक लगातार चलना था। इसके अलावा सुरक्षा में लगे अर्धसैनिक, राज्य पुलिस बल और होमगार्ड की जिम्मेदारी और ज्यादा थी।

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गर्मी और लू अंतिम चरण आते-आते अपने विकराल रूप में थी। इसी दौरान चुनावी ड्यूटी की तैयारी कराने वाले पांच होमगार्डों की मौत हो गई। जबकि जिले से कुल 9 होमगार्ड प्रचंड गर्मी का शिकार हो गए। चुनावी ड्यूटी के होमर्गार्ड 30 से 31 मई के बीच चलने वाले हीट स्टोक से मरने वाले होमगार्डों की उम्र 50 से 55 साल के करीब थी। मिर्जापुर में 30 और 31 मई को पारा क्रमश: 46 डिग्री और 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था।

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देश में हुए आम चुनाव में गर्मी और लू के वजह से सबसे ज्यादा 9 होमगार्ड की मौत हो गई थी। हालांकि मरने वाले होमगार्ड के परिवार को इस तरह किसी भी अनहोनी होने की कोई आशंका नहीं थी। वहीं बहुत से लोग जिला प्रशासन को दोषी ठहरा रहे हैं। उनका कहना है कि भीषण गर्मी के बावजूद कूलर भी नहीं लगा हुए थे।

इस मामले को लेकर मिर्जापुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सीएम वर्मा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मिर्जापुर के विध्यवासिनी स्वायत्त राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के प्रिंसिपल ने माना कि इन मौतों का मुख्य कारण हीट स्ट्रोक है। हालांकि वो इस मामले में कोई भी टिप्पणी करने से मना करते हैं।

अंतिम चरण का चुनाव 1 जून को था उसके एक दिन पहले यानी 31 मई को प्रचंड गर्मी थी। उस दिन 28 होमगार्डों को लेकर एक बस मिर्जापुर के एक प्राथमिक विद्यालय के बाहर रुकी। इतने ही देर में बस में बैठे हुए लोग बस से उतर गए हालांकि 52 साल के श्याम सुंदर गर्ग वहीं रुक गए। कुछ क्षण बाद जब सभी होमगार्ड गाड़ी के पास पहुंचे तो श्याम सुंदर का पूरा शरीर तप रहा था और वो कांप रहे थे। उन्हें पास के एक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया जहां से उनको वाराणसी रेफर कर दिया। बांदा के रहने वाले इस होमगार्ड के परिवार को इसकी जानकारी दी गई। लेकिन परिवार के वाराणसी में पहुंचने से पहले ही रात 8.30 बजे मौत हो गई।

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वहीं यूपी होमगार्ड विभाग के एक सीनियर ऑफिसर ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पूरे प्रदेश में 77 हजार होमगार्ड अपनी सेवाएं दे रहे हैं। चूंकि पिछले एक दशक से कोई नई नियुक्ति नहीं हुई है। इसलिए सभी होमगार्ड पूरे चुनाव में ड्यूटी पर थे। जबकि एक होमगार्ड को चुनाव ड्यूटी के लिए प्रतिदिन 900 रुपये मिलता है।

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